पोस्ट में बताया गया है कि अमर्त्य सेन को उनका नाम देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर(Rabindranath Tagore. ) से मिला था और फिर उन्हें भी नोबेल पुरस्कार मिल गया। पोस्ट के मुताबिक अमर्त्य सेन की मां क्षितिमोहन सेन की बेटी थीं, जो टैगोर के करीबी सहयोगी थे। टैगोर ने ही उन्हें “अमर्त्य” नाम सुझाया था।
कौन हैं अमर्त्य सेन ?
अमर्त्य सेन (Amartya Sen) का जन्म 3 नवम्बर, 1933 को कोलकाता के शांति निकेतन में एक बंगाली परिवार में हुआ था। अमर्त्य की प्रारंभिक शिक्षा सन ढाका के सेंट ग्रेगरी स्कूल से प्रारंभ हुई। सन 1941 से उन्होंने विश्व भारती यूनिवर्सिटी स्कूल में पढ़ाई की। साल 1953 में वे कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज चले गए जहाँ उन्होंने अर्थशाष्त्र से बी.ए. किया। अमर्त्य सेन कैंब्रिज मजलिस का अध्यक्ष भी चुने गए। जब वे कैंब्रिज में पी.एच.डी. के छात्र थे ।
साल 1998 में अमर्त्य को नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। वर्तमान में वे हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और दर्शन शाष्त्र के प्रोफेसर हैं। वे नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं साल 1999 में उन्हें भारत रत्न (Bharat Ratna Amartya Sen )से भी नवाजा गया था।