कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना मंगलवार को कहा कि अगर दुनिया भर के कार बेड़े का विद्युतीकरण किया जाता है तो बिजली की खपत दोगुनी हो जाएगी। इससे परमाणु, सौर, भूतापीय और पवन ऊर्जा पैदा करने वाले स्रोतों का विस्तार करने की जरूरत होगी।
मस्क ने बर्लिन स्थित प्रकाशक एक्सल स्प्रिंगर द्वारा आयोजित एक वार्ता में कहा कि टिकाऊ ऊर्जा की उपलब्धता को बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि कारों के कंबस्टन इंजन से बैटरी चालित इलेक्ट्रिक मोटरों की ओर कदम में दो दशक लगेंगे।
मस्क ने एक वेबसाइट पर की गई चर्चा में कहा, “कारों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने में 20 साल लगेंगे। यह फोन की तरह है, आप इन्हें एक साथ नहीं बदल सकते। करीब पांच फीसदी वाहनों को हर साल बदल दिया जाता है।”
उन्होंने कहा कि एक बार इलेक्ट्रिक कारों के ही मानदंड बन जाने के बाद, पवन और सौर जैसे रुक-रुक कर पैदा होने वाले ऊर्जा स्रोतों से बिजली का भंडारण करना होगा और शायद इसके लिए बैटरी तकनीक का माध्यम अपनाना पड़े। उन्होंने कहा, “बड़े बैटरी पैक के साथ, दोनों चीजों को संयुक्त करने की आवश्यकता है। यानी बैटरी पैक और सौर ऊर्जा के साथ पवन ऊर्जा।”
मारुति वैगनआर से भी कम कीमत में विटारा ब्रेजा को टक्कर देने सबसे सस्ती एसयूवी Nissan Magnite लॉन्च टेस्ला यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अपनी चौथा विशालकाय फैक्ट्री निर्माण करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “जर्मनी में सबसे अच्छी पवन टरबाइन बनाई जाती हैं। मेरे पास हमेशा अच्छा समय होता है जब मैं यहां होता हूं। मुझे इंजीनियरिंग संस्कृति पसंद है। लोग काम करना चाहते हैं।”
टेस्ला ने हाल ही में पश्चिमी यूरोप में बिजली का व्यापार करने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर लिया है, और कंपनी जर्मनी में ग्राहकों को अपनी कारों में टेस्ला बिजली का उपयोग करने के बारे में भी सर्वेक्षण कर रही है।