सुषमा स्वराज के निधन पर नेताओं के बयान, जानिए किसने क्या कहा?
दरअसल, 25 वर्ष की उम्र में राजनीतिक जीवन में प्रवेश करने वाली सुषमा स्वराज ( Sushma Swaraj dance with onion ) का हर घर में प्रयोग में होने वाले प्याज से गहरा रिश्ता रहा है। बता दें कि जब वो दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं तब प्याज की कीमतों ने दिल्ली वालों को खूब रुलाया। सुषमा को भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। प्याज की कीमत को लेकर मचे सियासी हंगामे के बीच उन्हें सीएम पद से त्याग पत्र देना पड़ा था।
उस समय दिल्ली प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। सुषमा स्वराज के हाथ में दिल्ली की कमान थी। प्याज की बढ़ी कीमतों के बीच दिल्ली में विधानसभा चुनाव थे। तब प्याज ने अपना असर दिखाया और विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व वाली भाजपा बुरी तरह हार गई।
रुलाने के अलावा यही प्याज उनके सियासी जीवन में खुशिया भी लेकर आया। उनके हारने के बाद दिल्ली की सीएम बनीं कांग्रेस नेता शीला दीक्षित। 15 वर्षों तक दिल्ली पर राज करने वाली शीला दीक्षित को भी प्याज ने जमकर रुलाया। 2013 में प्याज की बढ़ी कीमतों को लेकर सुषमा स्वराज ने शीला सरकार के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक प्रदर्शन किया। उन्हीं के कार्यकाल के दौरान प्याज की कीमतों से त्रस्त लोगों को राहत दिलाने के लिए सुषमा ने राजघाट पर जनहित में प्रदर्शन किया।
सुषमा स्वराज ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ प्याज की माला पहनकर राजघाट पर प्रदर्शन किया था। कहा तो यहां तक जाता है कि उन्होंने जनता को प्याज की कीमत से होने वाली परेशानी का शीला दीक्षित को अहसास कराने लिए विरोधस्वरूप प्याज की माला पहनकर डांस भी किया था।
उन्होंने प्याज की बढ़ी कीमतों पर बोलते हुए कहा था- अब शीला सरकार का पतन शुरू हो गया है। हुआ भी वही। 15 साल दिल्ली पर राज करने के बाद शीक्षा दीक्षित की सरकार गिर गई।