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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सुरेश राम नाम का ये इंजीनियर पिछले 30 सालों से किशनगंज के ऑफिस ऑफ बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के तौर पर काम कर रहा था। इसके अलावा इस शख्स ने बांका ज़िले के बेलहर ब्लॉक स्थित ‘जल संसाधन विभाग’ में और भीम नगर पूर्व तटबंध में बतौर असिस्टेंट इंजीनियर के तौर पर भी काम किया।
बता दें कि सुरेश राम ने अपनी पहली जॉब की शुरुआत 1988 में पटना के बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में जूनियर इंजीनियर के तौर पर की थी। इसके एक साल बाद उन्हें 1989 में ‘जल संसाधन विभाग’ में दूसरी नौकरी मिल गई। इसके कुछ ही सालों बाद उन्हें तीसरी सरकारी नौकरी भी मिल गई। लेकिन उन्होंने अपने पहले के दोनों डिपार्टमेंट से इस्तीफ़ा नहीं दिया।
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जानकर हैरानी होगी की सुरेश पिछले 30 सालों से तीनों पदों पर अच्छा काम करते रहे हैं। यही नहीं उन्हें प्रमोशन भी मिलता रहा। लेकिन व्यापक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (CFMS) ने उनका ये भांडा फोड़ दिया। दरअसल
बिहार सरकार बीते साल ही सरकारी कार्यलय में CFMS लेकर लाई थी। जिसका मकसद था राजकोषीय प्रबंधन (Fiscal Management) में पारदर्शिता लाना है।
CFMS तहत सरकार के सभी वित्तीय निर्णय ऑनलाइन किए जाने लगे। इसके लिए बिहार सरकार के सभी कर्मचारियों की डिटेल्स आधार नंबर, जन्म तिथि, पैन नंबर आदि को CFMS में ट्रांसफ़र कर दिया। सुरेश राम की डिटेल्स तीन विभागों से मैच हो गई। जब इस पर और जांच कराई गई तो सामने आया है कि सुरेश एक साथ तीन जगहों पर काम करता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किशनगंज ‘भवन निर्माण विभाग’ के उप सचिव ने सुरेश से अपनी सभी कागजात सिंचाई विभाग में जमा कराने को कहा था। लेकिन सुरेश ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद उसे खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।