Corona को लेकर बड़ा खुलासा, वैज्ञानिकों ने कहा- ‘पानी से पूरी तरह मर जाता है वायरस’
इस भूमि पूजन ( Ram Temple Bhumi Pujan ) के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। भूमि पूजन के दौरान नींव में एक मन चांदी की रजत शिला स्थापित की जानी है। रजत शिला के अलावां नींव में पंच रत्न- मूंगा, पन्ना, नीलम, माणिक्य और पुखराज और बाबा विश्वनाथ को चढ़ाए हुए पांच रजत बेलपत्र, पांच चांदी के सिक्के डाले जाएंगे।
नींव में रखे जाएंगे सोने के शेषनाग
बताते चलें कि चांदी के ये पांच सिक्के नंदा, जया, भद्रा, रिक्ता और पूर्णा के प्रतीक होंगे। इसके अलावा पूजन ( Ram Temple Bhumi Pujan ) के पहले ताम्र कलश में पांच नदियों का पवित्र जल भरा जाएगा, जिसका उपयोग अनुष्ठान के लिए किया जाएगा। इन सब के अलावा शेषनाग की प्रतिकृति भी नींव में डाली जाएगी। जो की सोने की बनी है। इसके साथ ही साथ ही चांदी के कच्छप की प्रतिकृति के साथ ही खर्व औषधि का भी इस्तेमाल भूमि पूजन में किया जाएगा।
नहीं होगा लोहे का इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर (Ram mandir) में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। पूरा मंदिर सिर्फ पत्थरों से निर्मित होगा। भूतल मिलाकर राम मंदिर तीन मंजिल का होगा। भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। 57 एकड़ राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित होगा। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनेगी। 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका में लोग अपने अपने जन्मदिन पर नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें।
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दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर
बता दें ये मंदिर बनने के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर (3 Largest Temples in the World )होगा। बता दें अयोध्या के राममंदिर का दायरा अब 100 से 120 एकड़ तक जा सकता है। बनने के बाद इस मंदिर की भव्यता देखने लायक होगी। दुनियाभर में इससे बड़े केवल दो मंदिर ही होगें आज हम आपको उन्ही मदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।