मोदी की नगरी वाराणसी में कोरोना का मिला पहला पॉजिटिव मरीज, अबु धाबी से लौटा था युवक कोरोना वायरस से निपटने और इसका इलाज खोजने के लिए इसकी जड़ तक पहुंचना बहुत जरूरी है। इसीलिए दुनिया के कई वैज्ञानिक इस पर अलग-अलग रिसर्च कर रहे हैं। हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज हैमिल्टन, प्रिंस्टन विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया ने इस बारे में रिसर्च की है। वैज्ञानिकों ने बताया कि नया कोरोना वायरस तांबे (Copper) की सतह पर जल्दी नष्ट हो जाता है। जबकि प्लास्टिक की वस्तुओं पर ये 96 घंटे तक जीवित रहता है। इसी तरह स्टील पर कोरोना वायरस 72 घंटे और कार्ड बोर्ड पर 24 घंटे तक जिंदा रहता है।
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस तांबे पर सबसे जल्दी खत्म होता है। इसकी सतह पर वायरस महज चार घंटे तक ही जीवित रह सकता है। इसलिए लोगों को तांबे का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। इससे वायरस के खात्मे में मदद मिलेगी। रिसर्चर्स की इस नई रिपोर्ट से संक्रमण (infection) फैलाने वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम कोरोना वायरस-2 यानि सार्स सीओवी-2 के प्रसार को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।