सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर (Ram mandir) में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। पूरा मंदिर सिर्फ पत्थरों से निर्मित होगा। भूतल मिलाकर राम मंदिर तीन मंजिल का होगा। भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल। नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा। 57 एकड़ राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित होगा। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनेगी। 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका में लोग अपने अपने जन्मदिन पर नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें।
बता दें ये मंदिर बनने के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर (3 Largest Temples in the World )होगा। बता दें अयोध्या के राममंदिर का दायरा अब 100 से 120 एकड़ तक जा सकता है। बनने के बाद इस मंदिर की भव्यता देखने लायक होगी। दुनियाभर में इससे बड़े केवल दो मंदिर ही होगें आज हम आपको उन्ही मदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
दुनिया का सबसे बड़े मंदिर का नाम है अंगकोर वाट (Angkor Wat) । 402 एकड़ यानी 16 लाख 26 हज़ार वर्गमीटर के दायरे में बना ये भगवान विष्णु मंदिर है। 12वीं सदी की शुरूआत में केहमर या अंगकोर साम्राज्य में राजा सूर्यवर्मन ने राजधानी यशोधरापुर में यह मंदिर राजमंदिर के तौर पर बनवाया था। ये जगह कंबोडिया (Temple in Siem Reap, Cambodia) देश में मौजूद है।
12वीं सदी के आखिर तक यशोधरापुर में बौद्ध धर्म का प्रचार हुआ और यह मंदिर भी हिंदू-बौद्ध मंदिर में तब्दील होने लगा। लेकिन समय के साथ अंगकोर वाट मंदिर कंबोडिया का प्रतीक बनता चला गया। दुनिया भर के लोग इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं। ये जगह कंबोडिया के पर्यटक स्थलों में सबसे अहम है।
दुनिया का दूसरे सबसे बड़े मंदिर का नाम है श्रीरंगम (Srirangam) । Tamil Nadu के तिरुचिरापल्ली में बना ये मंदिर किसी शहर से कम नहीं है। 156 एकड़ या करीब 6 लाख 31 हज़ार वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला यह मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर भी है। श्रीरंगम मंदिर सात संकेंद्रिक दीवारों यानी प्रक्रमों से घिरा है, जिनकी कुल लंबाई छह किलोमीटर से भी ज़्यादा है। ये मंदिर भी भगवान विष्णु को समर्पित हैं।