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भगवत (Bhagwat Prasad) के लिए भी ये पोशाक बेहद खास है। क्योंकि इनका परिवार रामलला के लिए पीढ़ियों से वस्त्र सिलते आ रहे हैं। भगवत (Bhagwat Prasad) बताते हैं कि इस ऐतिहासिक घड़ी में वे रामलला (Ramlala) के लिए रत्न जड़ित हरे रंग की पोशाक बना रहे हैं। इसमें भगवा रंग का गोटा लगा है, पीला गोटा लगा है लाल गोटा लगा है। पीली छड़ी लगी है। पोशाक के साथ नवरत्न की माला भी है।भूमि पूजन के दिन रामलला इसी वस्त्र को धारण करेंगे।
भगवत प्रसाद (Bhagwat Prasad) का कहना है कि अयोध्या (Ayodhya) के मंदिरों में भगवान की पोशाक दिन के हिसाब से निर्धारित होती हैं इसी परंपरा का पालन अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में भी किया जाएगा। उनके मुताबिक रामलला (ramlala) के 7 दिन के 7 वस्त्र होते हैं। रविवार को गुलाबी सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम कलर और शनिवार को नीला पोशाक रामलला के बनते हैं।
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बता दें भूमि पूजन के दिन पहले रामलला (ramlala) को भगवा रंग के पोशाक पहनाने की तैयारी की जा रही थी लेकिन रामजन्मभूमि (Ramjanmabhoomi) के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास (Satyendra das) ने कहा कि जो पहले से परंपरा चली आ रही है उस परंपरा को तोड़ा न जाए। जिसके चलते हरे रंग की पोशाक बनाई जा रही है।