कोबरा सांप के पास मिली नागमणि, सिर से निकल रही थी लाल रंग की रौशनी पौराणिक मान्यता के तहत हर शाम आरती के बाद निधिवन (NIdhivan) को बंद कर दिया जाता है, उसके बाद वहां कोई नहीं रहता। यहां तक कि पशु-पक्षी भी अपना ठिकाना कहीं और बसा लेते हैं। कहा जाता है कि जो भी मनुष्य रासलीला देखने की कोशिश करता है, वह या तो पागल हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है।
निधिवन की एक और बात बेहत आश्चर्यजनक है, वो है यहां लगे तुलसी के पौधे। निधिवन में तुलसी का हर पौधा जोड़े में है। कहते हैं जब राधा-कृष्ण वन में रास रचाते हैं तब यही जोड़ेदार पेड़ गोपियां बन जाती हैं। जैसे ही सुबह होती है तो सब फिर ये तुलसी के पौधे में बदल जाती हैं।