कटिंग-पॉलिशिंग के बाद आंकी जाएगी कीमत
फिलहाल इस पिंक डायमंड की कीमत आंकी नहीं गई है। दरअसल इसकी कटिंग और पॉलिशिंग के बाद बाद ही इस हीरे की सही कीमत का अंदाजा लगाया जा सकेगा।
इस वजह से डायमंड को The Lulo Rose नाम दिया
अंगोला में इस हीरे को ऑस्ट्रेलियन कंपनी के खननकर्मियों ने खोजा है। कंपनी की ओर से इस रेयर हीरे को ‘द लूलो रोज’ (The Lulo Rose) नाम दिया गया है। क्योंकि इसकी खोज लूलो खदान में हुई है।
यह भी पढ़ें – Google का इस्तेमाल तो आप रोज करते होंगे, क्या आप जानते हैं गूगल का फुल फॉर्म क्या है? कहां है लूलो खदान?
ऑस्ट्रेलिया के अंगोला में लूलो खदान उत्तर-पूर्व क्षेत्र में स्थित है। यहां की जमीन में बड़ी मात्रा में डायमंड पाए जाते हैं। यही वजह है कि, ऑस्ट्रेलियन हीरा खनन कंपनी लुकापा ने यहां पर काफी इन्वेस्ट किया है।
टाइप 2ए हीरा है लूलो रोज
The Lulo Rose के मिलने से अंगोला सरकार और खनन कंपनी दोनों ही बहुत खुश हैं, इसकी बड़ी वजह है दुर्लभ गुलाबी हीरे की किस्म। ये गुलाबी हीरा टाइप 2ए हीरा है। यानी प्राकृतिक तौर पर अत्यधिक शुद्ध और दुर्लभ।
फिलहाल इस पिंक डायमंड की कीमत आंकी नहीं गई है। दरअसल इसकी कटिंग और पॉलिशिंग के बाद बाद ही इस हीरे की सही कीमत का अंदाजा लगाया जा सकेगा।
इस वजह से डायमंड को The Lulo Rose नाम दिया
अंगोला में इस हीरे को ऑस्ट्रेलियन कंपनी के खननकर्मियों ने खोजा है। कंपनी की ओर से इस रेयर हीरे को ‘द लूलो रोज’ (The Lulo Rose) नाम दिया गया है। क्योंकि इसकी खोज लूलो खदान में हुई है।
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ऑस्ट्रेलिया के अंगोला में लूलो खदान उत्तर-पूर्व क्षेत्र में स्थित है। यहां की जमीन में बड़ी मात्रा में डायमंड पाए जाते हैं। यही वजह है कि, ऑस्ट्रेलियन हीरा खनन कंपनी लुकापा ने यहां पर काफी इन्वेस्ट किया है।
टाइप 2ए हीरा है लूलो रोज
The Lulo Rose के मिलने से अंगोला सरकार और खनन कंपनी दोनों ही बहुत खुश हैं, इसकी बड़ी वजह है दुर्लभ गुलाबी हीरे की किस्म। ये गुलाबी हीरा टाइप 2ए हीरा है। यानी प्राकृतिक तौर पर अत्यधिक शुद्ध और दुर्लभ।
टेंडर के जरिए बेचा जाएगा ये दुर्लभ हीरा
इस रेयर डायमंड को बेचने के लिए भी तैयारी की जा रही है। कटिंग और पॉलिशिंग के बाद इस हीरे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेंडर के जरिए बेचा जाएगा। हालांकि कटाई-छंटाई और पॉलिशिंग के बाद इस हीरे का वजन करीब 50 फीसदी कम हो जाएगा। अंगोला के मिनरल रिसोर्स मंत्री दियामंतीनो अजेवेदो के मुताबिक, द लूलो रोज की खोज एक रिकॉर्ड है।
पहले भी मिल चुका पिंक डायमंड
ये पहला मौका नहीं है जब रेयर पिंक डायमंड मिला हो। इससे पहले वर्ष 2017 में 59.6 कैरेट का पिंक स्टार डायमंड मिला था। ये हीरा हॉन्ग कॉन्ग की नीलामी में 71.2 मिलियन डॉलर्स यानी 567.86 करोड़ रुपए में बिका था।
इस रेयर डायमंड को बेचने के लिए भी तैयारी की जा रही है। कटिंग और पॉलिशिंग के बाद इस हीरे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेंडर के जरिए बेचा जाएगा। हालांकि कटाई-छंटाई और पॉलिशिंग के बाद इस हीरे का वजन करीब 50 फीसदी कम हो जाएगा। अंगोला के मिनरल रिसोर्स मंत्री दियामंतीनो अजेवेदो के मुताबिक, द लूलो रोज की खोज एक रिकॉर्ड है।
पहले भी मिल चुका पिंक डायमंड
ये पहला मौका नहीं है जब रेयर पिंक डायमंड मिला हो। इससे पहले वर्ष 2017 में 59.6 कैरेट का पिंक स्टार डायमंड मिला था। ये हीरा हॉन्ग कॉन्ग की नीलामी में 71.2 मिलियन डॉलर्स यानी 567.86 करोड़ रुपए में बिका था।
1000 करोड़ रुपए तक बिक सकता है द लूलो रोज डायमंड
इसे अब तक का सबसे महंगा बिकने वाला गुलाबी हीरा माना जाता है। वहीं अब द लूलो रोज से भी काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं, क्योंकि ये डायमंड 170 कैरेट का है। कटिंग के बाद भी इसका वजन अब तक के मिले पिंक डायमंड से ज्यादा होगा, ऐसे में इसकी कीमत 1000 करोड़ रुपए तक जा सकती है।
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इसे अब तक का सबसे महंगा बिकने वाला गुलाबी हीरा माना जाता है। वहीं अब द लूलो रोज से भी काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं, क्योंकि ये डायमंड 170 कैरेट का है। कटिंग के बाद भी इसका वजन अब तक के मिले पिंक डायमंड से ज्यादा होगा, ऐसे में इसकी कीमत 1000 करोड़ रुपए तक जा सकती है।
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