इतना ही नहीं, कार्ड में दूल्हे के बड़े भाइयों के नाम एएम कम्युनिज्म और एएम लेनिनिज्म लिखे हैं। ऐसे में लोगों के जेहन में ये सवाल भी उठा कि शादी का यह कार्ड हकीकत है या फेक। जानिए क्या है सच्चाई।
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सोशल मीडिया पर सुर्खियां बंटोर रहे इस कार्ड को लेकर लोगों को मन कई तरह के सवाल हैं। सबसे बड़ा सवाल दूल्हे और उसके घर से जुड़े लोगों के नामों को लेकर है।
सोशल मीडिया पर सुर्खियां बंटोर रहे इस कार्ड को लेकर लोगों को मन कई तरह के सवाल हैं। सबसे बड़ा सवाल दूल्हे और उसके घर से जुड़े लोगों के नामों को लेकर है।
इन सवलों का जवाब दूल्हे के पिता ने दिया है। उन्होंने बताया कि शादी के निमंत्रण का यह कार्ड वास्तवकि है, इसे एडिट नहीं किया गया है। कहां का है ये कार्ड
यह कार्ड तमिलनाडु के सालेम जिले का है। दूल्हे एएम सोशलिज्म के पिता का नाम लेनिन मोहन है, जो सालेम में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( CPI ) के जिला सचिव हैं।
यह कार्ड तमिलनाडु के सालेम जिले का है। दूल्हे एएम सोशलिज्म के पिता का नाम लेनिन मोहन है, जो सालेम में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( CPI ) के जिला सचिव हैं।
बेटे का असमान्य नाम रखने की ये है वजह
दूल्हे के पिता लेनिन मोहन ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि, उनके परिवार में इस तरह के असामान्य नाम रखने की प्रथा है। उन्होंने कहा कि सोवियत संघ का जब विघटन (1991) हुआ तो लोगों ने कहना शुरू किया कि कम्युनिज्म खत्म हो गया है और यह विचारधारा दुनिया में अब कहीं नहीं रहेगी।
दूल्हे के पिता लेनिन मोहन ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि, उनके परिवार में इस तरह के असामान्य नाम रखने की प्रथा है। उन्होंने कहा कि सोवियत संघ का जब विघटन (1991) हुआ तो लोगों ने कहना शुरू किया कि कम्युनिज्म खत्म हो गया है और यह विचारधारा दुनिया में अब कहीं नहीं रहेगी।
इस संबंध में तब दूरदर्शन पर एक न्यूज क्लिप भी चला था। उसी समय उनकी पत्नी ने बड़े बेटे को जन्म दिया था, जब उन्होंने तय किया कि वह अपने बेटे का नाम कम्युनिज्म रखेंगे, क्योंकि उन्हें यकीन था कि जबतक मानव जाति है, कम्युनिज्म कभी खत्म नहीं होगा।
लेनिन मोहन ने बताया कि वह अपने बच्चों के नाम विचारधारा पर रखना चाहते थे और उन्होंने अपने तीनों बेटों का नाम ऐसे ही रखा। यह भी पढ़ेंः एक झटके में आपको लखपति बना देगा बेकार पड़ा 50 पैसे का सिक्का, जानिए कैसे इसलिए है दुल्हन का नाम ममता बनर्जी
दुल्हन के बारे में उन्होंने बताया कि उनके दादा कांग्रेस नेता रहे हैं और वह राजनीति में ममता बनर्जी से काफी प्रभावित रहे हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी पोती का नाम ममता बनर्जी के नाम पर रखने का फैसला किया।
दुल्हन के बारे में उन्होंने बताया कि उनके दादा कांग्रेस नेता रहे हैं और वह राजनीति में ममता बनर्जी से काफी प्रभावित रहे हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी पोती का नाम ममता बनर्जी के नाम पर रखने का फैसला किया।
भविष्य में होने वाली संतान का नाम भी पहले से तय
लेनिन मोहन की मानें तो उन्होंने अपने पोते का नाम मार्क्सिज्म रखा और अगर भविष्य में उनके घर में बच्ची का जन्म होता है तो उसका नाम भी पहले से तय है। लेनिन के मुताबिक उसका नाम ‘क्यूबाइज्म’ रखने का इरादा है।
लेनिन मोहन की मानें तो उन्होंने अपने पोते का नाम मार्क्सिज्म रखा और अगर भविष्य में उनके घर में बच्ची का जन्म होता है तो उसका नाम भी पहले से तय है। लेनिन के मुताबिक उसका नाम ‘क्यूबाइज्म’ रखने का इरादा है।
300 से ज्यादा आ चुके फोन ह कार्ड सीपीई के तमिल मुखपत्र ‘जन शक्ति’ में प्रकाशित होने के बदा से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद से लेनिन मोहन को 300 से अधिक फोन कॉल्स आ चुके हैं। लोग उनसे दूल्हे और दुल्हन के नाम को लेकर ही सवाल कर रहे हैं।