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मुजरिमों को फांसी पर लटकने के ठीक दो घंटे बाद तिहाड़ जेल प्रशासन के डाक्टर नाड़ी की अच्छी तरह से जांच करेगें। जिसके आधार पर उनके मृत होने की पुष्टि की जाएगी। दोषियों को मृत सर्टिफिकेट के आधार पर जेल प्रशासन सजा देने वाले जज को भी सूचित किया जाएगा। वहीं इनमें से एक डाक्टर के अनुसार निर्भया के इन चारों आरोपियों में से दो दोषियों की फंदे पर लटकने के बाद सबसे पहले प्राण जाएंगे। जबकि बाकी दो दोषियों के प्राण फांसी पर झूलने के बाद होगी।कुछ समय तक उनके पैर फड़फड़ाते रहेंगे इनकी सांस रोकने में थोड़ा समय लग सकता है। इसकी वजह है इनका वजन। इन दो दोषियों का वजन 65 किलोग्राम से कम है। सर्दियां होने की वजह से इनकी फांसी का समय 5 बजे रखा गया है।
आपको बताते हैं कि निर्भया के दोषियों की गर्दन लंबी होने का क्या अर्थ है। दरअसल, जेल की भाषा में गर्दन के टूटने को गर्दन लंबी होना कहते हैं।फांसी देते वक्त इन दोषियों के गाले में एक फंदा लगाया जाएगा जिस पर वैक्स लगाई जाएगी जिससे फंदा कमजोर नहीं पड़ेगा।फांसी के वक्त अपराधी के मुंह को काले कपड़े से ढका जाएगा। फांसी पर लटकने के बाद गर्दन लंबी होने पर थोड़ा बहुत समय लगता है।
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गर्दन लंबी होने का क्या अर्थ होता है। दरअसल, जेल की भाषा में गर्दन लंबी का मतलब गर्दन का टूटना होता है। फांसी के वक्त जब जल्लाद लीवर को खींचता है तो नीचे एक गड्ढा होता है और दोषी की गर्दन एक मोटी रस्सी से जकड़ी होती है। फांसी वाली जगह के नीचे करीबन 12 फुट गहरा गड्ढा होता है। जिसमें नीचे जाकर शरीर लटक जाता है। फांसी के वक्त दो सांस गले पर जोर पड़ने वजह से सांस बंद होना शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से पैर फड़फड़ाने लग जाते हैं। यही एक वजह है कि फांसी के 2 घंटे के बाद डाक्टर नाड़ी चैक की जाती है। अक्षय का वज़न 52 और मुकेश का वज़न 67 किलोग्राम है इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इन दोषियों की गर्दन लंबी होने पर ज्यादा वक्त लग सकता है। वहीं दोषी पवन का वज़न 81 किलोग्राम है जिससे उसकी वजह की मौत