हॉट ऑन वेब

निर्भया केस : मौत से पहले इस सुनसान जगह कैदी बिताते हैं आखिरी घंटे, रोक दिया जाता है सारा काम

Nirbhaya Case : दोषियों की दया याचिका खारिज होते ही पटियाला हाईकोर्ट जारी करेगा ब्लैक वारंट
दोषियों की निगरानी तिहाड़ जेल प्रशासन नहीं बल्कि तमिलनाडू पुलिस करेगी

Dec 14, 2019 / 12:20 pm

Soma Roy

Nirbhaya Case accused fasi

नई दिल्ली। निर्भया कांड (Nirbhaya Case) के दोषियों (accused) को सुप्रीम कोर्ट से फांसी (fansi) की सजा होने के बावजूद अब तक उन्हें फंदे पर नहीं लटकाया जा सका है। क्योंकि मृत्युदंड से बचने के लिए आरोपियों ने राष्ट्रपति से दया याचिका (review petition) की गुहार लगाई थी। हालांकि निर्भया कांड के चारो दोषियों का जघन्य कारनामा देख जल्द ही उनकी याचिका के खारिज होने की उम्मीद है। ऐसे में तिहाड़ जेल में अभी से फांसी की तैयारी शुरू हो गई हैं। तो मौत से कुछ घंटे पहले कैसा रहेगा जेल का महौल आइए जानते हैं।
निर्भया के आरोपी को याद आए वेद-पुराण, मरने से पहले कहीं ये बातें

निर्भया कांड के दोषी मुकेश, विनय और अक्षय पिछले सात सालों से तिहाड़ में बंद हैं। चौथे दोषी पवन को भी मंडोली जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया है। दया याचिका के खारिज होते ही इन चारों के नाम पटियाला हाउस कोर्ट से ब्लैक वारंट जारी कर दिया जाएगा। ये उनका मौत का आखिरी पैगाम होगा। इसके बाद दोषियों को फांसी घर में रखा जाएगा। जहां ये दूसरे कैदियों से बिल्कु अकेले में रहेंगे। इनके स्वास्थ की जाएगी और 24 घंटे इन पर निगरानी रखी जाएगी।
यूं तो ये कैदी तिहाड़ जेल प्रशासन की निगरानी में है। मगर फांसी पाने वाले कैदियों की निगरानी तमिलनाडु स्पेशल पुलिस करती है। हर दो घंटे में इनकी शिफ्ट बदलती है। इनका काम सिर्फ और सिर्फ मौत की सजा पाए कैदियों पर नजरें रखने का होता है। मरने से कुछ घंटे पहले तक जेल का महौल बिल्कुल अलग रहता है। आखिरी सांसें लेते वक्त कैदी को कोई भी ऐसी चीज नहीं दी जाती जिससे वो खुद को नुकसान पहुंचा सके। इसी के चलते कैदी को पायजामा पहनने के लिए नाड़ा तक नहीं दिया जाता है।
निर्भया केस के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के फांसी कोठी (death cell) में लटकाया जाएगा। ये डेथ सेल से थोड़ी दूर सुनसान जगह में है। इससे पहले की रात इन्हें तिहाड़ के जेल नंबर 3 में बितानी होगी। यहां इन्हें पूरा दिन बिताना होगा। महज आधे घंटे के लिए एक बार इन्हें खुली हवा में सांस लेने के लिए कड़ी सुरक्षा में जेल के आंगन में निकाला जाएगा। इसके बाद से ये सेल में ही रहेंगे। जब इन्हें फांसी दी जाएगी तो जेल का सारा काम रोक दिया जाएगा। क्योंकि जब भी किसी कैदी को फांसी पर लटकाया जाता है तब तक जेल के सभी काम रोक दिए जाते हैं। पूरे परिसर में सन्नाटा रहता है। जब कैदी की मृत्यु की पुष्टि डॉक्टर कर देते हैं और लाश को उतार लिया जाता है इसके बाद जेल का काम दोबारा शुरू किया जाता है।

Hindi News / Hot On Web / निर्भया केस : मौत से पहले इस सुनसान जगह कैदी बिताते हैं आखिरी घंटे, रोक दिया जाता है सारा काम

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.