क्यों महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के मुख पर लगाई जाती थी हाथी की नकली सूंढ़, कौन था रामप्रसाद हाथी
शोध करने वाली टीम के मुताबिक, नाखून पार्लरों में काम करने वाले कर्मियों के स्वास्थ्य को फर्मैल्डहाइड और बेंज़ीन जैसी गैसों से उत्पन्न प्रदूषकों के कारण अधिक खतरा होता है। अमरीका पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने पता लगाया है कि कैंसरकारी यौगिक के लंबे वक्त तक संपर्क में रहने से ‘ल्यूकेमिया’ और ‘हॉडगिकिंग्स लिंफोमा’ जैसे कैंसर होने का काफी खतरा बढ़ जाता है।
टीम के मुख्य शोधार्थी लुपिता मोन्टोया का कहना है कि यह अध्ययन इस बारे में पुख्ता जानकारी देता है। शोध के अनुसार, इस तरह का वातावरण कर्मचारियों के लिए खतरनाक है और उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर नीतियां बनाने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि वह कुछ साल पहले एक पार्लर में गई थी, जहां इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों की तीखी गंध से वह परेशान हो गई थी। शोधार्थियों ने कहा कि पार्लर जाने वाले लोगों पर इसका खतरा कम है लेकिन गर्भवती महिलाओं या अस्थमा के रोगियों को इससे खतरा हो सकता है।