मीडिया पर चल रही खबरों के अनुसार, दर्गाव्स गांव में जाने वाला वापस लौटकर नहीं आता है। यह इलाका बेहद ही सुनसान है। डर की वजह से इस जगह पर कोई भी आता-जाता नहीं है। यहां ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच बसे इस गांव में पत्थरों से बने करीब 99 तहखाने के आकार के घर हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन तहखाने वाले घरों में स्थानीय लोगों ने अपने परिजनों के शव दफन किए थे। इनमें से कुछ मकान चार मंजिला भी हैं। कहा जाता है कि इन कब्रों का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था। अब ये एक विशाल कब्रिस्तान में बदल चुका है। हर इमारत एक परिवार से संबंधित है, जिसमें सिर्फ उसी परिवार के सदस्यों को दफनाया गया है।
स्थानीय लोग इस जगह को लेकर अलग अलग मान्यताएं के बारे में बताते है। लोगों का कहना है कि इन तहखाने नुमा इमारतों में जो भी जाता है वह लौटकर नहीं आता। हालांकि, यह बात बिल्कुल सच साबित नहीं हो रही है। पिछले कुछ सालों में पर्यटक इस जगह के रहस्य को जानने के लिए आते रहते हैं। इस जगह तक पहुंचने का रास्ता काफी खतरनाक है। पहाड़ियों के बीच तंग रास्तों से होकर यहां पहुंचने में तीन घंटे का समय लगता है।
बैंक की गलती से लड़की बन गई करोड़पति, 11 महीने में खर्च किए 18 करोड़, वसूली के लिए बैंक ने किया ऐसा काम
एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां का मौसम हमेशा खराब रहता है, ऐसे में सफर के दौरान काफी मुकिश्ले का सामना करना पड़ता है। पुरातत्वविदों के मुताबिक, यहां कब्रों के पास नावें मिली हैं। स्थानीय लोगों के बीच नाव को लेकर मान्यता है कि आत्मा को स्वर्ग तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी होती है। इसलिए शवों को नाव पर रखकर दफनाया जाता था। पुरातत्वविदों को यहां हर तहखाने के सामने एक कुआं भी मिला है।