जानकारों के अनुसार ग्रहों की चाल बदलने से किसी को शुभ तो किसी को अशुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। इसकी वजह है इन ग्रहों का मनुष्य जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों जैसे नौकरी, धन प्राप्ति, तरक्की, व्यापार, परिवार आदि पर प्रभाव पड़ेगा…
वहीं ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस नए साल 2021 में मंगल ग्रह 7 बार राशि परिवर्तन करेंगे, दूसरी तरफ 13 अप्रैल 2021 से शुरु होने वाले हिन्दू के नए साल २०७८ के राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होने हैं। ऐसे में मंगल ग्रह के राशि परिवर्तन अत्यंत प्रभावशाली होंगे।
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मंगल का मिथुन राशि में गोचर – 14 अप्रैल 2021 मंगल का कर्क राशि में गोचर – 2 जून 2021 मंगल का सिंह राशि में गोचर – 20 जुलाई 2021 मंगल का कन्या राशि में गोचर – 6 सितंबर 2021
मंगल का तुला राशि में गोचर – 22 अक्तूबर 2021 मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर – 5 दिसंबर 2021 MUST READ : Astrology Predictions -बदलने जा रहा है देश का चुनावी गणित
मंगल ग्रह का असर
मंगल को देवताओ का सेनापति यानि देवसेनापति भी कहा जाता है। वहीं किसी के सामने नहीं झुकने और पराक्रम का कारक होने के कारण इसे क्रोध, ऊर्जा, हिंसा, लड़ाई-झगड़े का स्वामी कहा गया है। मंगल को ज्योतिष में क्रूर ग्रह माना गया है। वहीं अगर ये कुंडली में शुभ अवस्था में स्थित हो तो साहस, पराक्रम, शौर्य को प्रदर्शित करता है। यह ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है। यह मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना जाता है।
मंगल को देवताओ का सेनापति यानि देवसेनापति भी कहा जाता है। वहीं किसी के सामने नहीं झुकने और पराक्रम का कारक होने के कारण इसे क्रोध, ऊर्जा, हिंसा, लड़ाई-झगड़े का स्वामी कहा गया है। मंगल को ज्योतिष में क्रूर ग्रह माना गया है। वहीं अगर ये कुंडली में शुभ अवस्था में स्थित हो तो साहस, पराक्रम, शौर्य को प्रदर्शित करता है। यह ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है। यह मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य का कारक होता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह मकर राशि में उच्च होता है, जबकि कर्क इसकी नीच राशि है। वहीं नक्षत्रों में यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी होता है। गरुण पुराण के अनुसार मनुष्य के शरीर में नेत्र मंगल ग्रह का स्थान है। यदि किसी जातक का मंगल अच्छा हो तो वह स्वभाव से निडर और साहसी होगा तथा युद्ध में वह विजय प्राप्त करेगा।
मनुष्य जीवन के लिए यह बड़ा प्रभावकारी ग्रह है। मंगल दोष के कारण लोगों के विवाह में कठिनाई आती है। इसके हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों में इसका प्रभाव भिन्न होता है