हिंद महासागर (hind mahasagar) में बसे इस छोटे से देश में दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहां की खूबसूरती देखने के लिए आते हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिए बड़े बड़े रिसॉर्ट (resorts in maldives) बन रहे हैं जिसकी वजह से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। दरअसल, मालदीव की राजधानी माले का एयरपोर्ट के पास बिते कुछ सालों में कई कृत्रिम द्वीप बनाए गए हैं।
इन द्वीपों को बनाने के लिए इस्तेमाल बालू, पेड़ पास के द्वीपों से ले जाते है, जिसके कारण मिट्टी का कटाव तेजी से हो रहा है और मौजूद बालू, मिट्टी पानी के लहरों के साथ बह जा रही है।जिसके चलते इन द्वीपों पर लगे पेड़ो को खड़े रहने के लिए जगह नहीं मिल पता, ये गिर जा रहे हैं। इतना ही नहीं पेड़ को लाने और इसके लगाने के पिछे यहां के कुछ गैर सरकारी संगठन लगातार भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं।
राजधानी माले (male maldives) के आस-पास लगभग 60 लोगों को सरकार समुद्र का कुछ हिस्सा Lease पर दे दिए है। ये लोग यहां लगातार द्वीप बनाए जा रहे हैं। पहले मालदीव की पर्यटन विभाग किसी भी प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से पहले उनका निरीक्षण करती थी लेकिन यहां की सरकार ने यह नियम बदल दिया, और बिना जांच-पड़ताल लोगो को जमीन किराए पर देना शुरू कर दिए। यहां एक साल में 6 नए एयरपोर्ट बनाये जाने थे ताकी एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक पहुंचने में समय कम लगे।लेकिन परिणाम इसके विपरीत सामने आए। यहां के ज्यादातर एयरपोर्ट खली पड़े रहते है।
मालदीव के सबसे सुंदर द्वीप क्रॉसरोड्स (Crossroads Maldives) को पूरी तरह इंसानो ने बनाया है। यहां मौजूद सभी पेड़ और बालू पास के द्वीपों से लाए गए हैं। आज के मात्र 2 साल पहले यहां सिर्फ पानी ही पानी था। लेकिन इसकी सुंदरता को बनाने में कई द्वीपों को बहुत नुकसान पहुंचा है। जानकारी के लिए बता दें कि जन्नत जैसे दिखने वाले इस द्वीप पर एक रात बिताने के लिए आपको 50000 से अधिक रुपयों देने पड़ सकते हैं।
बताते चलें मालदीव वह देश है जिसपर ग्लोबल वार्मिंग के चलते आने वाले कुछ सालों में डूबने का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन यहां की सरकार और यहां के पूँजीपति इस बात को समझने के लिए तैयार ही नहीं है।यहां लगातार बड़े बड़े रिसॉर्ट और द्वीप बनाए जा रहे हैं। जो मौत को न्योता देने के समान हैं।