पाताल भुवनेश्वर से बड़ी है गुफा
उत्तराखंड में मिली इस गुफा को लेकर ये दावा किया जा रहा है कि, ये मशहूर पाताल भुवनेश्वर गुफा से भी विशाल है। यही नहीं इस गुफा के अंदर शिवलिंग (Shivling) भी मिला है और चौंकाने वाली बात यह है कि इस शिवलिंग पर चट्टानों से पानी भी गिर रहा है। गुफा की विशालता के साथ शिवलिंग पर गिर रहे पानी ने इस जगह को चर्चा में ला दिया है।
यह भी पढ़ें – पाताल लोक! जमीन से 3 हजार फीट नीचे बसे इस गांव में लोग जी रहे हैं ऐसी जिंदगी
इसलिए है रहस्यमी गुफा
इसे रहस्यमी गुफा इसलिए कहा जा रहा है कि, क्योंकि इतनी पुरानी होने के बाद भी यहां शिवलिंग पर अपने आप चट्टानों के जरिए पानी टपक रहा है। इस मैकेनिज्म को फिलहाल कोई समझ नहीं पाया है।
युवाओं ने खोजी यह रहस्यमयी गुफा
शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट में स्थित प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर से करीब एक किमी दूर मिली इस गुफा को 4 युवाओं ने खोजा है।
गंगोलीहाट के गंगावली वंडर्स ग्रुप के सुरेंद्र सिंह बिष्ट, ऋषभ रावल, भूपेश पंत और पप्पू रावल जब इस गुफा में पहुंचे तो इसके विशालकाय आकार को देखकर दंग रह गए।
वे गुफा के अंदर करीब 200 मीटर तक गए और प्राकृतिक रूप से बनी सीढ़ियों के जरिए गुफा के 8 तल (मंजिल) नीचे तक गए। बताया जा रहा है कि, इस गुफा में 9वां तल भी था लेकिन वे वहां नहीं पहुंच पाए।
गुफा में उभरे हैं शेषनाग के चित्र
इस गुफा को महाकालेश्वर नाम दिया गया है। इस गुफा में भी चट्टानों पर पौराणिक आकृतियां उभरी हुई हैं। यहां शेषनाग समेत अनेक देवी-देवताओं के चित्र भी उभरे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि गुफा के अंदर बने शिवलिंग की आकृति पर चट्टान से पानी गिर रहा है।
9 मंजिल बड़ी इस गुफा में पर्याप्त ऑक्सीजन
इतनी लंबी गुफा होने के बाद भी यहां पर्याप्त ऑक्सीजन है, यह गुफा 150 मीटर गहरी पाताल भुवनेश्वर से भी बड़ी बताई जा रही है। ऐसे में भविष्य में इस गुफा को भी पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करके पर्यटकों का ध्यान खींचा जा सकता है।
यह भी पढ़ें – हर 3 साल में तलाक लेकर फिर एक दूसरे से ही शादी कर लेता है ये कपल, वजह जानकर रह जाएंगे दंग