दुकान के मालिक सुदीप मलिक का कहना है कि इम्युनिटी संदेश नाम से एक खास मिठाई तैयार की गई है। इसमें हल्दी, तुलसी, केसर और इलाइची समेत 15 जड़ी-बूटियां और मसालों का इस्तेमाल किया गया है। उनका दावा है कि यह कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक कोरोना से लड़ने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है इसलिए हम इस इम्युनिटी संदेश का आइडिया लेकर आए हैं। इसके जरिए शरीर की रोग प्रतिरोक्षक क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है। इस दौरान टेस्ट से भी कोई समझौता नहीं होगा। इस स्पेशल मिठाई के एक पीस की कीमत 25 रुपए है।
चीनी नहीं हिमालय के शहद का हुआ प्रयोग
वैसे तो मिठाईयों में चीनी का इस्तेमाल होता है। मगर शुगर पेशेंट्स को ध्यान में रखकर इसमें चीनी के बदले हिमालय (Himalaya) से लाए गए शहद (Honey) का इस्तेमाल किया गया है। दुकान के मालिक का कहना है कि हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि यह कोरोना वायरस संक्रमण का एंटीडोट है। चूंकि ये रोग कम इम्यून पॉवर वालों को जल्दी शिकार बनाता है इसलिए हमने मिठाई के जरिए इसे बेहतर बनाने की कोशिश की है।
वैसे तो मिठाईयों में चीनी का इस्तेमाल होता है। मगर शुगर पेशेंट्स को ध्यान में रखकर इसमें चीनी के बदले हिमालय (Himalaya) से लाए गए शहद (Honey) का इस्तेमाल किया गया है। दुकान के मालिक का कहना है कि हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि यह कोरोना वायरस संक्रमण का एंटीडोट है। चूंकि ये रोग कम इम्यून पॉवर वालों को जल्दी शिकार बनाता है इसलिए हमने मिठाई के जरिए इसे बेहतर बनाने की कोशिश की है।
‘कोरोना संदेश’ भी हुई थी फेमस
बंगाल में संदेश एक खास तरह की मिठाई को कहा जाता है। कोरोनाा वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बंगाल में पहले ‘कोरोना संदेश’ नामक मिठाई तैयार की गई थी। जिसका आकार वायरस की तरह था। ये मिठाई ग्राहकों को मुफ्त में बांटी जा रही थी। जिसके चलते ये काफी सुर्खियों में आई थी।
बंगाल में संदेश एक खास तरह की मिठाई को कहा जाता है। कोरोनाा वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बंगाल में पहले ‘कोरोना संदेश’ नामक मिठाई तैयार की गई थी। जिसका आकार वायरस की तरह था। ये मिठाई ग्राहकों को मुफ्त में बांटी जा रही थी। जिसके चलते ये काफी सुर्खियों में आई थी।