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मुगलकाल में बड़े शान से मनाई जाती थी होली, कहा जाता था ‘ईद-ए-गुलाबी’, जानें मुगल कैसे मनाते थे ये त्योहार

मुगलों के राज में भी Holi बड़े शान से मनाया जाता था
होली को ‘ईद-ए-गुलाबी’ (Eid-E-Hulabi) और ‘आब-ए-पाशी’ कहते थे

Mar 10, 2020 / 01:19 pm

Vivhav Shukla

नई दिल्ली। पूरे देश में होली (Holi 2020) 10 मार्च को मनाई जाएगी।होली (Happy Holi 2020) को लोग ‘रंगो का त्योहार’ भी कहते हैं। वैसे तो ये हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है लेकिन भारत में रहने वाले सभी धर्म के लोग इसे बड़े चाव से मनाते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं मुगलों के राज में भी होली बड़े शान से मनाया जाता था।

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इतिहासकारों के मुताबिक, मुगल शासक शाहजहां (sahjahan) के काल में होली को प्रमुखता से मनाया जाता था। हालांकि उस दौर में इसका नाम बदल कर मनाते थे। लोग होली को ‘ईद-ए-गुलाबी’ (Eid-E-Hulabi) और ‘आब-ए-पाशी’ कहते थे। शाहजहां के कार्यकाल से पहले भी मुगलों (holi in mughal period) के होली खेले जाने के कई प्रमाण मिलते हैं।

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कई किताबों में अकबर के जोधाबाई (Akabar and Jodhabai) और जहांगीर का नूरजहां के साथ होली खेलने का वर्णन मिलता है। कई आर्टिस्ट ने अपनी पेंटिंग्स में मुगल बादशाहों को होली खेलते दिखाया है। इतना ही नहीं कई फिल्मों में भी मुगलों को होली खेलता दिखाया गया है। हालांकि, मुसलमानों के होली मनाने पर कई बार आपत्ति भी उठाई गई है। लेकिन देश में आज भी बहुत से ऐसे मुसलमान हैं जो होली को पूरी आस्था के साथ मनाते हैं।

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