असल में भारत ही क्या दुनियाभर के लोगों के मन में कोरोना वायरस को लेकर सही और सटीक जानकारियों की कमी है। लॉकडाउन की व्यवस्था लागू किए जाने के घरों में कैद लोग कोरोना वायरस को लेकर कुछ सवालों के जबाब सोचने पर विवश हो गए हैं। क्या हैं वो सवाल जानिए-
क्या कहते हैं आंकड़ें?
रिपोर्टस के मुताबिक दुनिया भर में 30890 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 664,292 लोग इस वायरस के संक्रमण से ग्रसित है। लेकिन क्या ये आंकड़े सही है?शायद नहीं। बहुत हद तक संभव है कि संक्रमित मामलों का सिर्फ़ एक अंश मात्र हो। इन आँकड़ों पर यक़ीन करना मुश्किल है। क्यों की ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका कभी टेस्ट ही नहीं हुआ। लॉकडाउन के चलते वो खुद भी अपना टेस्ट नहीं करवा पा रहे हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसे मामले जिनमें कोई शख़्स संक्रमित तो है लेकिन उसमें इस संक्रमण के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहा। जिनकी तादाद बहुत ज्यादा हो सकती है।
कितना खतरनाक है कोरोना?
लोगों का मानना है कि कोरोना बहुत खतरनाक नहीं है। क्यों की इसके संक्रमण से मौत का आंकड़ा बेहद कम है। कोरोनोवायरस से संक्रमित होने वाले कुल लोगों में से एक फीसदी लोगों की मौत हो रही है लेकिन ये सच नहीं है। जब तक हमें ये नहीं पता चल जाता है कि संक्रमण के कुल मामले कितने हैं, तब तक कोविड 19 की सटीक मृत्यु दर निकालना असंभव है।
खांसी, बुखार के अलावा क्या हो सकते हैं लक्षण?
कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण बुख़ार और सूखी खांसी है। ये लक्षण किसी में दिखने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि शख्स कोरोना पॉज़ीटिव हो सकता है। लेकिन सिर्फ ये ही लक्षण नहीं है। कई मामलों में इनके अलावा गले में ख़राश, सिर दर्द और डायरिया की शिकायत भी पायी गई थी, जिसके बाद टेस्ट कराने पर रिज़ल्ट पॉज़िटिव आया।
कुछ दिनों पहले बता चला कि कोरोना के मरीजों को किसी भी चीज़ की गंध समझ नहीं आ रही है। ऐसे में ये भी एक लक्षण हो सकता है।
बच्चों पर कैसा है कोरोना का असर?
माना जा रहा है कि कोरोना बुज़ुर्गों पर ज्यादा घातक साबित हो रहा है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बच्चों को इस वायरस से कोई खतरा नहीं है। कोरोना बच्चों को भी संक्रमित कर सकता है। बस इसे बच्चों की कोशिकाओं को प्रभावित करने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
कहां से आया कोरोना?
ज्यादातर लोगों का मानना है कि कोरोना चीन के वुहान शहर के ‘वेट-मार्केट’से पूरी दुनिया में फैला है। इस वायरस को आधिकारिक तौर पर Sars-CoV-2 नाम दिया गया है। कहा जा रहा है कि ये वायरस चमगादड़ों से आया है। लेकिन शोधकर्ताओं का मामला है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से सीधे इंसानों में नहीं आया। इन दोनों के बीच कोई ‘रहस्यमय जीव’ ने बि्रज का काम किया है। हालांकि अभी तक उस जीव के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं उपलब्ध हो। लेकिन माना जा रहा है ये वायरस अभी बहुत लोगों को संक्रमित कर सकता है।
कोरोना से कब तक बचाएगी इम्यूनिटी?
कोरोना वायरस से इंसानों की इम्यूनिटी कब तक उनकी रक्षा कर पाएगी। इसका कोई जवाब नहीं है। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि अगर इंसान का शरीर इस वायरस के संक्रमण से लड़ सकता है तो इसकी सीधा मतलब है कि उसके शरीर ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित किया है।