चीन के वुहान शहर से आया यह वायरस अब तक दुनिया में करीब 27 लाख लोगों की जान ले चुका है। और अभी भी कुछ देश इस महामारी की चपेट से उबर नही पा रहे हैं। कुछ देशों में अब भी इस महामारी की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र की मेट्रोलॉजिकल टीम ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि यदि कोरोना वायरस इसी तरह से अगले कुछ वर्षों तक बना रहा तो यह एक मौसमी बीमारी बन सकता है। टीम का कहना है कि कोरोना वायरस भी मौसम और तापमान के मुताबिक अपना असर दिखाएगा।
इस के पहले साल में कहा गया था कि जिन जगहों पर गर्मी अधिक है वहां पर कोरोना के केस ज्यादा देखे गए थे। ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर गर्मी लौटती है, तो फिर से कोरोना के मामले बढ़ जाते हैं। हालांकि, यह बात सिद्ध नहीं हो पाई है कि किसी मौसम का इस महामारी पर असर पड़ता है या नहीं।
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती वक्त में ऐसे दावे किए गए थे कि खराब वातावरण का असर भी कोरोना वायरस के संकट को बढ़ाने का काम कर सकता है। लेकिन ऐसा सिद्ध नहीं हो सका है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। इसके बाद धीरे धीरे पूरी दुनिया में फैलती गई। पहले यह वायरस यूरोप के कई देशों मे तेजी से बढ़ा। इसके बाद अमरीका और भारत का नंबर आया। भारत में पहले इसे कवर कर लिया था कोरोना के मामलों में कमी आई थी, लेकिन बीते एक हफ्ते से फिर से कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं जो चिंता का विषय हैं।