लॉकडाउन में समय काटने का शख्स ने ढूंढा नायाब तरीका, बेडरूम में लगाई 42.2KM की दौड़ दरअसल, हिमालय (Himalay) के पिघलते हुए बर्फ और ग्लेशियर की वजह से अरब सागर में खतरनाक चीज पैदा हो रही है। इसकी वजह से अरब सागर का फूड चेन बिगड़ जाएगा। NASA ने इससे जुड़ी एक तस्वीर भी जारी की है। इसमें साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि अरब सागर में हरे रंग का शैवाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
इस हरे रंग का शैवाल यानि एल्गी(Algae )का नाम नॉक्टीलुका सिन्टीलैंस ( Noctiluca Scintillans) है। जो एक मिलीमीटर आकार की होती है। इसे सी-स्पार्कल के नाम से भी जाना जाता है। नासा द्वारा जारी कई तस्वीरों दिख रहा है कि एल्गी अरब सागर के किनीरों पर काफी अधिक मात्रा में दिखाई दे रही है। जो कि तेजी से भारत-पाकिस्तान, ओमान, ईरान समेत अरब सागर से सटे हुए कई देशों के तटीय इलाकों में तेजी से फैल रही है।
हैरानी की बात है 20 साल पहले इस एल्गी का कोई अता पता नहीं था। लेकिन अब ये अरब सागर को खत्म कर रही है। इस एल्गी की वजह से समुद्र में ऑक्सीजन की कमी होगी। और करोड़ों जानवर मारे जाएगें।
प्यार पर भी पड़ी कोरोना की मार, बदल रहा है डेटिंग करने का तरीका साइंस मैगजीन नेचर में एक रिपोर्ट के अनुसार नॉक्टीलुका सिन्टीलैंस यह रात में चमकता भी है। इसके लिए ये समुद्र से और ज्यादा ऑक्सीजन और खाना लेता है और उसे खत्म करने लगता है।
सागर की ऊपरी सतह को पूरी तरह से ढंक लेते हैं. इतनी तेजी से फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया को बढ़ा देते हैं कि अन्य समुद्री जीवों को ये प्रक्रिया करने के लिए पर्याप्त रोशनी और ईंधन नहीं बचता। जिसे पूरे समुद्र पर खतरा मडराने लगता है।