1.बुखार को ठीक करने के लिए दारुहरिद्रा के पौधे की छाल और जड़ की छाल का काढ़ा बहुत उपयोगी होता है। इसे दिन में दो बार पिलाने से जल्द ही शरीर का तापमान सामान्य हो जाएगा।
2.सर्दियों के दिनों में गठिया का दर्द भी काफी परेशान करता है। इससे निजात पाने के लिए दारूहरिद्रा को हल्दी के साथ मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे।
3.अगर किसी के शरीर में कैंसर के सेल तेजी से विकसित हो रहे हैं तो इसकी रोकथाम में भी दारूहरिद्रा का सेवन लाभकारी होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसलिए नियमित रूप से दारुहरिद्रा और हल्दी के मिश्रण का सेवन करना चाहिए।
4.मुंहासे, घाव, अल्सर आदि को दूर करने के लिए दारुहरिद्रा जड़ी बूटी को पीसकर त्वचा पर लगाएं। आप चाहे तो इसमें थोड़ा गुलाब जल भी मिला सकते हैं। इससे स्किन चमकदार बनेगी। 5.जिन लोगों को बवासीर की दिक्कत होती है उन्हें दारूहरिद्रा को मक्खन के साथ 40-100 मिलीग्राम मात्रा में मिलाकर लेना चाहिए। इससे खून आने की समस्या बंद हो जाएगी। साथ ही दर्द और सूजन भी कम होगी।
6.अगर किसी को शुगर या डायबिटीज की बीमारी है तो उन्हें भी दारूहरिद्रा का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद औषधीय गुण ब्लड में रक्त शर्करा को कम करने में मदद करते हैं। 7.कान के दर्द को कम करने के लिए दारूहरिद्रा के रस की दो बूंदे डाले। इससे आराम मिलेगा।