हॉट ऑन वेब

China के लिए क्यों अहम है ‘गलवन घाटी’, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी ?

गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंंसक झड़प हुई। झड़प में भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 भारतीय जवान शहीद ( India 20 Soldier Martyred ) हुए हैं, जबकि चीन ( Chinese Soldiers ) के 45 सैनिक गंभीर रूप से हताहत बताए जा रहे हैं।

Jun 17, 2020 / 05:03 pm

Vivhav Shukla

Galwan Valley: Why is the site of the India-China Ladakh standoff imp

नई दिल्ली। भारत और चीनी सैनिकों (indian and chinese soldiers) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर हिंसक झड़प की खबर है। बताया जा रहा है कि गलवन घाटी में पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंंसक झड़प हुई। झड़प में भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 भारतीय जवान शहीद ( India 20 Soldier Martyred ) हुए हैं, जबकि चीन ( Chinese Soldiers ) के 45 सैनिक गंभीर रूप से हताहत बताए जा रहे हैं। LAC पर अब भी तनाव बना हुआ है। तीनों सेनाएं अलर्ट पर हैं। बताया जा रहा है ITBP भी सेना के कंट्रोल में आ सकती है।

India China Violent Clash: भारतीय सेना ने जारी किए शहीद जवानों के नाम, देशवासियों का फूटा गुस्सा

रिपोर्ट के मुताबिक मई महीने के पहले हफ्ते से ही पूर्वी लद्दाख में चार जगहों पर पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने घुसपैठ की। भारतीय सेना (Indian Army) के बाद करने के बाद भी चीन के सैनिक गलवान घाटी से हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद बीते रात भारतीय सैनिक चीनी जवानों को कल रात पीछे धकेल रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच खूनी झड़प हो गई जिसमें कई जवान शहीद हो गए।
चीन के लिए क्यों अहम है गलवान घाटी?

गलवान घाटी (Galwan Valley) में सेना की चौकियों को मकसद केवल चीन को भारतीय ध्वज दिखाना था। ये चौकियां साधारण तौर बन बनाई गई थी लेकिन इस चौकी को अपने पास बनाए रखने के लिए भारतीय सैनिकों ने हमेशा चीन को टक्कर दी है। लेकिन समय के साथ गलवान घाटी दोनों देशों के महत्वपूर्ण होती गई।
लगभग 58 साल के बाद पहली बार इस क्षेत्र में तनाव पैदा हुआ है, और वह भी तब जब LAC को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है और दोनों ही प्रतिद्वंद्वी पक्षों की ओर से स्वीकार किया गया है। इससे पहले साल 1962 में चीन ने भारत पर हमला किय था। इस हमले के लिए बड़ी वजह में से एक शिनजियांग और तिब्बत के बीच सड़क का निर्माण था। यह राजमार्ग आज G219 के रूप में जाना जाता है और इस सड़क का लगभग 179 किमी हिस्सा अक्साई चिन से होकर गुजरता है, जो एक भारतीय क्षेत्र है।
परमाणु शक्ति से लैस भारत और चीन के सैनिक लाठी और पत्थरों से क्यों करते हैं लड़ाई ?

चीन ने बिना भारत सरकार की सहमति से इस सड़का का बनाया था। इतना ही नहीं सड़क का निर्माण करने के बाद, चीनी दावा करने लगे कि ये उन्हीं का क्षेत्र है। सितंबर 1962 में चीन पूर्वी लद्दाख में और अधिक क्षेत्र पर दावा दिखाने लगा। जिसके बाद भारत और चीन में लड़ाई छिड़ गई। नवंबर 1962 में युद्ध समाप्त होने के बाद चीनियों ने अपने सितंबर 1962 के दावे लाइन की तुलना में और अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
साल 1962 के बाद ये इलाका करीब करीब निष्क्रिय रहा। लेकिन पिछले 04-05 सालों से चीन ने फिर से इस इलाके में सक्रिय हो रहा है। साल 2016 तक चीन ने गलवान घाटी के मध्य बिंदु तक पक्की सड़क का निर्माण कर लिया था। इसके बाद चीन ने इस इलाके आसपास कई चौकियों का निर्माण कर लिया है। यहां चीनी सैनिक लगातार गश्त करते हैं। यहां से 40-50 किलोमीटर दूर चीन का बडा़ बेस भी है।
अब सवाल उठता है कि ऐसा क्या है गलवान घाटी में जिसके लिए चीन इतना उत्सुक है। तो इसका सिधा जवाब है गलवान नदी। दरअसल, उच्चतम रिजलाइन अपेक्षाकृत नदी के पास से गुजरती है जो चीन को श्योर रूट के दर्रों पर चीन को हावी होने देती है।
अगर चीनी गलवान नदी (Galwan Valley) घाटी के पूरे हिस्से को नियंत्रित नहीं करता है तो भारत नदी घाटी का इस्तेमाल अक्साई चिन पठार पर पर उभरने के लिए कर सकता था और इससे वहां चीनी पोजीशन्स के लिए खतरा पैदा होता। इसलिए चीन के लिए गलवान घाटी अहम हो जाती है।

Hindi News / Hot On Web / China के लिए क्यों अहम है ‘गलवन घाटी’, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी ?

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.