कोरोना वायरस के मरीज को सुई चुभने जैसा झेलना पड़ता है तेज दर्द, संक्रमित लोगों ने बयां किया अपना हाल सैनेटाइजर बनाने की सबसे पहले शुरुआत लूप हेरनाडेज (Lupe Hernadez) ने साल 1966 में की थी। आज से करीब 53 साल पहले ही उन्होंने दुनिया को ये नायाब तोहफा बनाकर सौंपा था। उनके इसी काम की आज लोग सराहना कर रहे हैं। कोरोना के कहर से सैनेटाइजर की मांग घर-घर तक पहुंच गई है। लोग इसकी अहमियत समझने लगे हैं। तभी सोशल मीडिया पर लोग हेरनाडेज को सैनेटाइजर बनाने के लिए शुक्रिया कह रहे हैं। लोग ट्विटर पर कमेंट्स के जरिए उनका आभार प्रकट कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा कि वे उस महिला के कर्जदार हैं। जबकि अन्य लोगों ने लिखा कि भविष्य की जरूरत को समझकर हेरनाडेज ने जो खोज की है वो अविश्वसनीय है।
मालूम हो कि लूप हेरनाडेज कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड शहर की रहने वाली हैं। वो नर्सिंग की स्टूडेंट थीं। उन्होंने पेशेंट्स के पास डॉक्टरों के जाने से पहले एक ऐसा लिक्विड बनाने का सोचा था, जिससे वे सक्रमण से बचे रहें। तभी एक दिन वो अल्कोहल जेल को हाथ में मसलकर देख रही थीं तभी वह कीटाणुओं को मारते हुए इवोपरेट हो गया था। इसी के जरिए हेरनाडेज को सैनेटाइजर बनाने का आइडिया आया था।