किसी लग्जरी गाड़ी की कीमत से भी ज्यादा महंगा ये कबूतर कोई आम पक्षी नहीं है। बल्कि ये रेस में हिस्सा लेता है। अभी ये कबूतर तीन साल का है। बेल्जियम के नीलामीकर्ता पिजन पैराडाइज ने रविवार को एक ऑनलाइन नीलामी में इसे बेचा है। पिजन पैराडाइज के चेयरमैन निकोलस का कहना है, ‘मेरा मानना है कि यह एक विश्व रिकॉर्ड है, अभी तक इस तरह की नीलामी को कभी भी आधिकारिक रूप से दस्तावेजों में नहीं रखा गया है। मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि हम इतनी अधिक धनराशि तक पहुंच सकते हैं।’मालूम हो कि न्यू किम कबूतर ने वर्ष 2018 में फ्रांस में हुई एक रेस में जीत हासिल की थी।
मिंग राजवंश में शुरू हुई थी कबूतरों की दौड़
चीन में कबूतरों के रेस काफी प्रचलित है। मिंग राजवंश के शासन काल के दौरान वर्ष 1368 से लेकर 1644 तक कबूतरों की दौड़ लोग काफी पसंद करते थे। तब से अभी तक लोग इस खेल के दीवाने हैं। खाड़ी देशों और एशिया के करोड़पति लोग इन चैंपियन पक्षियों की खरीद के लिए आते हैं और फिर उसे खरीदकर अपने देश ले जाते हैं। बेल्जियम और उत्तरी फ्रांस में लंबे समय से कबूतरों को पाला जाता रहा है।
चीन में कबूतरों के रेस काफी प्रचलित है। मिंग राजवंश के शासन काल के दौरान वर्ष 1368 से लेकर 1644 तक कबूतरों की दौड़ लोग काफी पसंद करते थे। तब से अभी तक लोग इस खेल के दीवाने हैं। खाड़ी देशों और एशिया के करोड़पति लोग इन चैंपियन पक्षियों की खरीद के लिए आते हैं और फिर उसे खरीदकर अपने देश ले जाते हैं। बेल्जियम और उत्तरी फ्रांस में लंबे समय से कबूतरों को पाला जाता रहा है।
‘लुईस हैमिल्टन’ का तोड़ा रिकॉर्ड
सबसे महंगे कबूतर का रिकॉर्ड पहले लुईस हैमिल्टन नामक कबूतर के नाम था। इसे 11 करोड़ रुपए में नीलाम किया गया था। अब ये रिकॉर्ड न्यू किम ने तोड़ दिया है। इसके लिए सुपर डूपर और हिटमैन नाम का छद्म नाम इस्तेमाल करने वाले दो चीनी बायर्स ने जोरदार बोली लगाई थी।
सबसे महंगे कबूतर का रिकॉर्ड पहले लुईस हैमिल्टन नामक कबूतर के नाम था। इसे 11 करोड़ रुपए में नीलाम किया गया था। अब ये रिकॉर्ड न्यू किम ने तोड़ दिया है। इसके लिए सुपर डूपर और हिटमैन नाम का छद्म नाम इस्तेमाल करने वाले दो चीनी बायर्स ने जोरदार बोली लगाई थी।