ब्रेकअप से दिल की बत्ती बुझेगी नहीं बल्कि जलेगी, महिला ने बनाया अनोखा बल्ब धीरूभाई अंबानी (dhirubhai ambani) ने अपने बिजनेस की शुरुआत एक 350 वर्ग फुट के छोटे से कमरे से की थी। जिसमें उन्होंने महज एक टेलीफोन, एक मेज और तीन कुर्सियां रख रखी थीं। इस दौरान उन्होंने दो लोगों को बतौर सहयोगी रखा था। उन्होंने शुरूआती दौर में इसमें 50 हजार रुपए लगाए थे। धीरूभाई अंबानी ने 16 साल की उम्र में अपनी 10वीं कक्षा पास की थी। इसके बाद 17 साल की उम्र में वे पैसे कमाने के लिए अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन के एडन चले गए थे।
यमन में उन्होंने 200 रुपए प्रति महीने में गैस स्टेशन पर अटेंडेंट (attendant) के पद पर नौकरी की। कुछ साल नौकरी करने के बाद वह भारत वापस लौटे और फिर माउंट गिरनार में तीर्थयात्रियों के लिए सब्जी बेचना शुरू किया। कुछ दिनों तक बाजार को करीब से देखने के बाद धीरूभाई को यह समझ में आ गया कि भारत में पोलिस्टर की मांग सबसे ज्यादा है। ऐसे में उन्होंने पॉलीस्टर कपड़ा बनाने की शुरुआत की। यहीं से उनके बिजनेस की डिमांड बढ़ गई। साल 2002 तक रिलायंस कंपनी ने 62 करोड़ का बिजनेस खड़ा कर दिया था। इसी साल उनका देहांत हुआ था।