खीरा और ककड़ी खाने से बढ़ती है इम्यूनिटी, नहीं पड़ेगी दवा की जरूरत आपके मोटापे के पीछे छिपा हो सकता है यह रहस्य, ऐसे पाएं स्लिम फिगर पाचनतंत्र व दिमाग के लिए
गेहूं का आटा, देसी घी, ग्वारपाठा (एलोवेरा) या गोंद, अजवाइन, कालीमिर्च, अश्वगंधा, हल्दी, मुलैठी, पीपल, सौंफ व बूरा से तैयार ग्वारपाठे या गोंद के लड्डू पाचनतंत्र, दिमाग व हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं।
गेहूं का आटा, देसी घी, ग्वारपाठा (एलोवेरा) या गोंद, अजवाइन, कालीमिर्च, अश्वगंधा, हल्दी, मुलैठी, पीपल, सौंफ व बूरा से तैयार ग्वारपाठे या गोंद के लड्डू पाचनतंत्र, दिमाग व हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं।
वृद्धजनों के लिए
दानामेथी, गेहूं का आटा, अश्वगंधा, देसी घी, हल्दी, अजवाइन, मुलैठी, ग्वारपाठा, पीपल, सौंफ और बूरा से बने दानामेथी के लड्डू सर्दियों में बुजुर्गों के लिए लाभदायक हैं। इनसे हड्डियां मजबूत होती हैं, जोड़ों के दर्द, शारीरिक कमजोरी, पाचनतंत्र व पेट संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं।
दानामेथी, गेहूं का आटा, अश्वगंधा, देसी घी, हल्दी, अजवाइन, मुलैठी, ग्वारपाठा, पीपल, सौंफ और बूरा से बने दानामेथी के लड्डू सर्दियों में बुजुर्गों के लिए लाभदायक हैं। इनसे हड्डियां मजबूत होती हैं, जोड़ों के दर्द, शारीरिक कमजोरी, पाचनतंत्र व पेट संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं।
महिलाओं के लिए
गेहूं का आटा, देसी घी, सुपारी, शतावरी, कमरकस, गोंद, लोध्र, लाजवन्ती, जायफल, जावित्री, सौंठ, बूरा, बादाम, खरबूजे की गिरि और मखाना को मिलाकर तैयार जापे के लड्डू प्रसव के बाद महिला को ४० दिनों तक शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए देते हैं। गर्म दूध के साथ एक लड्डू सुबह-शाम लें। जिनका सर्जरी या जटिलता से प्रसव हुआ हो उन्हें सर्जरी के टांके ठीक होने के बाद ही देते हैं।
गेहूं का आटा, देसी घी, सुपारी, शतावरी, कमरकस, गोंद, लोध्र, लाजवन्ती, जायफल, जावित्री, सौंठ, बूरा, बादाम, खरबूजे की गिरि और मखाना को मिलाकर तैयार जापे के लड्डू प्रसव के बाद महिला को ४० दिनों तक शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए देते हैं। गर्म दूध के साथ एक लड्डू सुबह-शाम लें। जिनका सर्जरी या जटिलता से प्रसव हुआ हो उन्हें सर्जरी के टांके ठीक होने के बाद ही देते हैं।
वजन रखे नियंत्रित
अलसी बीज, गेहूं का आटा, काली मिर्च, देसी घी, सौंफ, लौंग, जायफल, जावित्री, पीपल व बूरा से तैयार अलसी के लड्डू हृदय-जोड़ों की सेहत के साथ वजन नियंत्रित व शरीर को मजबूती देते हैं।
अलसी बीज, गेहूं का आटा, काली मिर्च, देसी घी, सौंफ, लौंग, जायफल, जावित्री, पीपल व बूरा से तैयार अलसी के लड्डू हृदय-जोड़ों की सेहत के साथ वजन नियंत्रित व शरीर को मजबूती देते हैं।
पोषक तत्त्वों की पूर्ति करे
गेहूं आटा, देसी घी, मूसली-अश्वगंधा, बादाम, खरबूजे की गिरि, खोपरा, जावित्री, जायफल, इलायची, लौंग, दालचीनी व बूरा से बने मूसली-अश्वगंधा के लड्डू शरीर को कैल्शियम, विटामिन तत्त्व देकर मजबूत करते हैं। एक-एक लड्डू सुबह-शाम दूध के साथ लें।
गेहूं आटा, देसी घी, मूसली-अश्वगंधा, बादाम, खरबूजे की गिरि, खोपरा, जावित्री, जायफल, इलायची, लौंग, दालचीनी व बूरा से बने मूसली-अश्वगंधा के लड्डू शरीर को कैल्शियम, विटामिन तत्त्व देकर मजबूत करते हैं। एक-एक लड्डू सुबह-शाम दूध के साथ लें।
शरीर की मजबूती के लिए
बच्चों के मानसिक-शारीरिक विकास के लिए कौंच के लड्डू मददगार हैं। ये लड्डू शरीर में पोषक तत्त्वों की पूर्ति करते हैं। सुबह-शाम रोजाना दूध के साथ एक-एक लड्डू ले सकते हैं।
बच्चों के मानसिक-शारीरिक विकास के लिए कौंच के लड्डू मददगार हैं। ये लड्डू शरीर में पोषक तत्त्वों की पूर्ति करते हैं। सुबह-शाम रोजाना दूध के साथ एक-एक लड्डू ले सकते हैं।
ऐसे बनाएं
गेहूं का आटा, देसी घी, कौंच बीज, अश्वगंधा, कालीमिर्च, लौंग, जावित्री, जायफल, पीपल व बूरा मिलाकर बनाएं। इन बातों का खास ध्यान रखें
तुरंत खाए जाने वाले लड्डुओं को स्टोर करने के लिए फूडग्रेड का अच्छा प्लास्टिक कंटेनर, स्टील या कांच का बर्तन प्रयोग करें। इन्हें फ्रिज के बजाय खुली व हवादार जगह पर रखें।
गेहूं का आटा, देसी घी, कौंच बीज, अश्वगंधा, कालीमिर्च, लौंग, जावित्री, जायफल, पीपल व बूरा मिलाकर बनाएं। इन बातों का खास ध्यान रखें
तुरंत खाए जाने वाले लड्डुओं को स्टोर करने के लिए फूडग्रेड का अच्छा प्लास्टिक कंटेनर, स्टील या कांच का बर्तन प्रयोग करें। इन्हें फ्रिज के बजाय खुली व हवादार जगह पर रखें।