होटल में चलाते थे गाड़ी
कोरोना काल में कई लोगों की नौकरियां चली जाने के बाद मजबूरन उनको खुद का काम करना पड़ रहा है। उन में से एक बलबीर है जो पेशे से ड्राइवर थे। वे एक होटल में गाड़ी चलाते थे। इस वायरस ने उनकी नौकरी भी खा ली। कुछ दिन वह काफी परेशान हुए बाद में उन्होंने एक नया रास्ता निकाल ही लिया। जिस स्कूटी से वह नौकरी पर जाया करते थे, उसे उन्होंने ढाबा बना दिया। उन्होंने गुड़गांव के एक रोड पर खाना बेचना शुरू कर दिया। शुरुआती दिनों में उनके पास 20 लोगों का खाना खाते थे।
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लोगों की जुबान पर चढ़कर बोल रहा स्वाद
पहने उनके मन में शक था कि 20 लोगों का खाना से कैसे गुजारा होगा। धीरे धीरे लोगों को उनका खाना पसंद आया और फिर बिक्री बढ़ने लगी। उनके राजमा चावल और छोले कढ़ी का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़कर बोलने लगा। देखते ही देखते लोगों की संख्या बढ़ने लगी। यह देखकर उनके मन में एक उम्मीद जगी कि अगर ऐसा ही रहा तो कुछ हो सकता है। अब बहुत सारे लोग उनके पास खाना खाने के लिए आते है। इतना ही उनके खाने के स्वाद की तारीफ भी करते है। यह सब देखकर उनको बहुत खुशी होती है।
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दोस्त को भी दी नौकरी
इस दौरान बलबीर के दोस्त हरविंद्र ने भी उनकी काम में मदद की। दरअसल, हरविंद्र की भी नौकरी चली गई थी। फिलहाल दोनों की रोजी रोटी इसी काम से चल रही है। बलवीर का कहना है कि अब वो नौकरी पर वापस नहीं जाएंगे और अब वो ये ही काम करेंगे। इसके साथ ही जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे। सोशल मीडिया पर दोनों दोस्तों की कहानी के काफी चर्चे हो रहे है। जिन लोगों ने बलबीर और हरविंद्र का खाना खाया है। वे सभी उनके खाने जमकर तारीफ कर रहे है।