कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एलिज़ाबेथ के पेरेंट्स से डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि उनकी बेटी के जिन्दा रहने के चान्सेस ना के बराबर हैं। बच्ची बेहद मोटी चमड़ी, जिसे डॉक्टर्स ने टर्टल स्किन कहा था, के साथ पैदा हुई थी। इस सख्त चमड़ी के साथ उसका सर्वाइव करना इम्पॉसिबल था। लेकिन डॉक्टर्स की वार्निंग के बाद भी पेरेंट्स ने उम्मीद नहीं छोड़ी। अब इस साल जून में एलिज़ाबेथ दो साल की हो जाएगी।
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डॉक्टरों ने बताया कि, इस कंडीशन के साथ पैदा हुए बच्चे की स्किन काफी हार्ड होती है। शरीर में चकते पड़ जाते हैं और इसमें क्रैक्स हो जाते हैं।एलिजाबेथ की मां ने कहा कि मेरी बेटी का जिन्दा रहना चमत्कार ही है। एलिजाबेथ का जन्म 6 हफ्ते पहले हो गया था। इसके बाद पांच हफ्ते तक वो आईसीयू में रही। लेकिन अब एलिजाबेथ घर वापस आ गई है।
एलिजाबेथ की केयर ख़ास तरह से रखनी पड़ती है। हर घंटे उसकी आँखों में जेल और आईड्राप डालने की जरुरत होती है। बीमारी की वजह से एलिजाबेथ अपनी आंखें बंद नहीं कर पाती।इसके अलावा उसकी पूरी बॉडी में बैंडेज चढ़ाना पड़ता है।
साथ ही पूरे दिन में दो लॉन्ग बाथ लेना भी रूटीन में शामिल है। जन्म के बाद ही एलिजाबेथ ने हाथ की दो अंगुली और पैर की चार उंगलियां खो दी थी। फिर भी लोगों के सामने एलिजाबेथ की सर्वाइवल स्टोरी चर्चा का विषय बना हुआ है।
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