चुगलखोर का मक़बरा जैसा कि आपको नाम से ही अंदाजा हो गया होगा कि यह मकबरा एक चुगलखोर शख्स का है। करीब 500 बरस पहले की बात है। उत्तर प्रदेश के इटावा में भोलू सैय्यद नाम का एक शख़्स रहता था। इसने एक बार इटावा के राजा चुगली कर दी थी। भोलू सैय्यद ने इटावा की राजा से कहा कि अटेरी के राजा के मन में आपके प्रति सही भावना नहीं है। आपके बारे में कोई गलतफहमी रखते हैं। इससे सतर्क होकर इटावा के राजा ने अटेरी के राजा के खिलाफ चढ़ाई करदी। लेकिन बाद में इटावा के राजा को पता चला कि भोलू सैय्यद जो कुछ भी कहा था सब झूठ है। से खफा होकर इटावा के राजा ने भोलू सैय्यद को चुगलखोरी करने की एक कड़ी सजा सुना दी। इटावा के राजा ने हुक्म दिया की भोलू को तब तक जूते चप्पलों से मारा जाए, जब तक कि वह मर ना जाए।
तभी से चल रही है रवायत आज 500 बरस बीत जाने के बाद भोलू सैय्यद के मक़बरे पर लोग द्वारा चप्पल जूते मारे जाते है। यह रवायत 500 वर्षों से चली आ रही है। आज भी भोलू सैय्यद के मक़बरे पर मांगी गई कोई मन्नत अगर पूरी हो जाती है तो लोग मकबरे पर फूल और चादर की जगह चप्पल और जूते बरसाए जाते हैं। कितनी अजीब बात है किसी को चुगली करने की सजा जीते जी ही नहीं मरने के बाद भी जारी है। भोलू को इटावा के राजा द्वारा मिली ये सजा इतिहास में चुगलखोरी की सबसे बड़ी सजा है।