कोरोना मरीज की मौत के बाद कटी जेब, अस्पताल से पैसा, मोबाइल-चार्जर सब गायब बताया जा रहा है कि ये प्राचीन विष्णु मंदिर (Vishnu mandir) करीब 500 साल पहले एक भयंकर बाढ़ में 7 गांव के साथ डूब था लेकिन अब ये एक बार फिर से दिखाई देने लगा है। फिलहाल मंदिर का शिखर ही ऊपर से नजर आ रहा है। पूरा मंदिर अभी भी नदी के अंदर है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की टीम मौके पर मौजूद है। उसने आसपास के तमाम इलाके को आम नागरिकों के आने जाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
आर्कियोलॉजिस्ट (Archaeologist) दीपक कुमार नायक ने बताया कि यह मंदिर करीब 60 फीट ऊंचा है। नदी के ऊपर दिख रहे मंदिर के मस्तक, उसके निर्माण कार्य और वास्तुशिल्प को देखकर लगता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी का है। दीपक ने बताया कि ये मंदिर सतपताना इलाके में मिला है। यहां कभी सात गांव हुआ करते थे। सातों गांव भगवान गोपीनाथ की पूजा करते थे।उसी समय यह मंदिर बनाया गया था।
CORONA की वजह से बंद हुई पृथ्वी की आंखें ! जानें दुनिया पर कैसे पड़ेगा इसका असर? वहीं गांव के लोगों के मुताबिक पद्मावती गांव के आसपास 22 मंदिर थे, जो इस नदीं में डूबे हुए हैं। गांव के लोग बताते हैं कि इस मंदिर का मस्तक 25 साल पहले दिखाई दिया था। लेकिन कुछ ही घंटो बाद मंदिर पूरा पानी में चला गया था। लेकिन इतने सालों के बाद एक बार फिर भगवान गोपीनाथ देव के मंदिर का मस्तक बाहर की तरफ दिखाई दिया है।
90 साल की उम्र में शुरू किया अपना Startup, देखते-देखते बन गईं ब्रांड! INTACH के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर अनिल धीर ने बताया कि हम महानदी के स्मारकों को डॉक्यूमेंट करते रहे है।. महानदी के उद्गम से लेकर उसके समुद्र से मिलने तक। दोनों किनारों पर पांच किमी की रेडियस में, जहां विरासत पानी के नीचे डूबी हुई है। लोग पहले से जानते थे कि इसके नीचे एक मंदिर है।