श्रीलंका में 70 साल के हाथी को नहीं मिला है अभी तक रिटायरमेंट, इस हालत में भी कराया जा रहा है काम
1- तुकाराम मुंढे IAS ऑफिसर तुकाराम मुंढे ऐसे अधिकारी हैं जिनका 12 साल की सर्विस में 9 बार ट्रांसफर हो चुका है। इन 9 तबादलों के दौरान वे जहां कहीं जिस शहर में गए, वहां लोगों ने महसूस किया कि उन्हें तुकाराम जैसी अधिकारी की ही ज़रूरत थी। वे जहां भी ट्रांसफर होकर जाते हैं वहां के लोगों की कार्यशैली बदल जाती है।आर्मस्ट्रॉन्ग पेम को दूसरा मांझी कहा जाता है। मणिपुर के दूरस्थ इलाके के दो गांव टूसेम और तमेंगलॉन्ग तक जाने के लिए सड़क नहीं थी। जिससे वहां के लोग विकास से अछूते थे। उनकी परशानी को देखते हुए 2009 बैच के IAS ऑफिसर आर्मस्ट्रॉन्ग पेम ने बिना सरकारी मदद लिए 5 साल पहले बिना किसी सरकारी सहायता के 100 किलोमीटर लंबी सड़क बनवा दी। जिसे पीपल्स रोड का नाम से बुलाया जाता है।
जवानों से भी बढ़कर हैं ये महिलाएं, 26/11 के आतंकी हमले से लेकर इन चीजों में दिखाया अपना दम
3- महिला IAS रितु माहेश्वरीपंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) ग्रेजुएट रितु माहेश्वरी को 2011 में केस्को के प्रमुख अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। कभी ‘भारत का मैनचेस्टर’ कहा जाता था, आज बिजली कटौती की भयंकर समस्या से जूझ रहा है। जल्द ही उन्होंने यहां कंपनी के एक-तिहाई ग्राहकों के यहां नए मीटर लगवाए, जिससे बिजली चोरी करना मुश्किल हो गया। रितु माहेश्वरी ने यहां के लोगों को बिजली कटौती की परेशानी से निजात दिलाई।
डीसी राजप्पा ने पुलिसकर्मियों को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से कविताएं लिखने के लिए प्रोत्साहित किया, और कर्नाटक में 500 पुलिसकर्मियों के अंदर छिपे हुए कवि को बाहर लाने का काम किया।
42 वर्ष की आयु में, पी नरहरि ने विकलांगों, भारतीय बुनियादी ढांचे को सुलभ बनाने के साथ-साथ खुले में शौच न करने की पहल में काम किया। इन कामों के लिए उन्हें 40 से अधिक पुरस्कार भी मिले हैं।