मरीज मिले तो रेफर करना मजबूरी पिपरिया, बनखेड़ी या पचमढ़ी के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर (Government hospitals lacks Ventilator) नहीं होने पर यहां के मरीजों को मुख्यालय पर रेफर करना मजबूरी है। बीएमओ बताते हैं कि वेंटिलेटर की मांग की गई है, सरकार यह मांग पूरी कर सकती है। लेकिन बीएमओ चिंतित भी हैं। वह बताते हैं कि अगर वेंटिलेटर मिल भी जाए तो वह करेंगे क्या। वह इसलिए क्योंकि इसके संचालन के लिए उनके पास डाॅक्टर, टेक्निकल एक्सपर्ट व पैरामेडिकल स्टाॅफ ही नहीं है। अस्पताल के लोग मानते हैं कि फिलवक्त कोरोना का संक्रमण यहां जिले में नियंत्रित है। पर अचानक संक्रमित मरीज बढने पर वेंटीलेटर की कमी बड़ी परेशानी बन सकती है।
Read this also: FightAgainstCorona यहां दस रुपये में मिलेगा का मास्क, कर रहे ऐसा काम की कोई न सोए भूखा विदेश यात्रा से आए 13 लोग निगरानी में पिपरिया में विदेश यात्रा से लौटे 13 व्यक्तियों को प्रशासन ने सूचीबद्ध किया है। ये सभी आइसोलेट है तथा स्वास्थ्य विभाग की लगातार निगरानी में है। रोजाना इनके स्वास्थ्य की जांच कर रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जा रही है। अस्पताल को रोजाना सेनेटाइज किया जा रहा है। गेट पर ही हैंडवाश से लोगों के हाथ धुलाई हो रही ताकि लोग संक्रमण से सुरक्षित रहे।
ओपीडी में तीन सौ मरीज रोज आ रहे, खौफ का माहौल कोरोना संक्रमण से लोग तनाव में है। छींक आते ही सीधे सरकारी अस्पताल पहुंच रहे है। डॉक्टरों की कमी के कारण एक दो डॉक्टर के कक्ष में मरीजों की लंबी कतार लग रही है। सोशल डिस्टेंस का पालन पूरी तरह नही हो पा रहा। मरीज दर्जनों की संख्या में डॉक्टर के कमरे में प्रवेश कर रहे है। व्यवस्थाओं की कमी खतरनाक साबित हो सकती है।
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दो डाक्टरों के भरोसे अस्पताल पिपरिया सरकारी अस्पताल में महज दो डॉक्टर ही ओपीडी देखते है। इन्हीं दो पर चैबीस घंटे अस्पताल की जवाबदारी रहती है। तीन महिला चिकित्सक है जो डिलेवरी व दांत के मरीजों को देखती है। जानकार बताते हैं कि कुछ माह पहले शासन ने दो डाक्टरों की पोस्टिंग की थी। लेकिन कोई भी यहां चार्ज लेने नहीं पहुंचा। किसी भी आपात स्थिति में यहां उपचार की उम्मीद करना बेमानी है।
Read this also: यहां दस रुपये में मिलेगा मास्क, कर रहे ऐसा काम की कोई न सोए भूखा अस्पताल पर है अतिरिक्त दबाव बीएमओ डाॅ.एके अग्रवाल का कहना है कि वेंटिलेटर सहित अन्य मांग लंबित है। अस्पताल पर मरीजों का काफी दबाव है, डाॅक्टर्स की कमी है। शासन ने दो अतिरिक्त डाॅक्टर्स की पोस्टिंग की थी लेकिन वह ज्वाइन ही नहीं किए। यहां ओपीडी में रोजाना तीन सौ के आसपास मरीज आते हैं। फिलहाल कोरोना के मद्देनजर आईसोलेशन वार्ड बना दिया गया है। विदेश से आए तेरह यात्रियों को क्वारंनटाइन किया गया है।
By: Shakeel Niyazi