6 बार नीलामी के बाद भी नहीं हुए ठेके
शहर में शनिचरा-कोरी एवं राजघाट का नाव ठेका 2019 में ही समाप्त हो चुका है। नपा ने इसके बाद से छह बार पुन: नीलामी के लिए टेंडर बुलाए, लेकिन ठेका नहीं हो सका। पिछली बार कोरीघाट का नाव संचालक का ठेका 8 लाख में एवं राजघाट का ठेका करीब 5 लाख में गया था, लेकिन इस बार कोई भी ठेकेदार डेढ़ से दो लाख के आगे बोली नहीं लगा रहा। इसलिए नाव संचालन के विधिवत ठेका नहीं हो पाया है। नपा की तरफ से नाव संचालन का ठेका बंद कर दिया है। ठेके की बोली की राशि ज्यादा होने के कारण यह नहीं हो पा रहे हैं।
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डोंगों में भी नहीं सुरक्षा-बचाव के इंतजाम
जो डोंगे-छोटी नावों से सवारियों का लाया-ले जाया जा रहा है, उसमें भी सुरक्षा-बचाव के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। न तो लाइफ जैकेट हैं और न ही रस्से या डूबने से बचाव के अन्य उपकरण मौजूद है। बिना सुरक्षा के ही लोग भी इस पार से उस पार आ जा रहे, जबकि पल्लेपार के जर्रापुर, जोशीपुर, जमनिया, शाहगंज तरफ बाईराम आश्रम तटघाट से आवागमन के लिए नया पुल व फोरलेन बायपास भी बन चुका है। इस पर से आवागमन भी जारी है, लेकिन लोग जोखिम उठाकर नाव से होशंगाबाद आना-जाना कर रहे।
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नपा की तरफ से नावों का संचालन पूरी तरह बंद
&शहर के कोरीघाट व राजघाट के नर्मदा में नाव संचालक के ठेके के लिए करीब छह बार नीलामी टेंडर बुलाए गए, लेकिन तय बोली पर ठेके नहीं हो सके हैं। पिछली बार जिस राशि में ठेके हुए थे, उससे कम में ठेके नहीं दिए जा सकते। अवैध रूप से नाव-डांगे के चलने के संबंध में होमगार्ड को भी नोटिस जारी किए थे। कलेक्ट्रेट में भी पत्र भेजकर इसे बंद कराने का आग्रह किया जा चुका है। नपा की तरफ से नावों का संचालन पूरी तरह बंद है।
-अनंत सिंह राजपूत, राजस्व निरीक्षक व ठेका प्रभारी नपा होशंगाबाद