नाबालिग ने दिया पुत्र को जन्म, नाबालिग पिता बैतूल जेल में
जीवोदय संस्था के कार्यकर्ताओं को करीब 7 महीने पहले यह नाबालिग कही घूमते
हुए मिली थी। तो नियमानुसार इसका मेडिकल चेकअप कराया गया तब पता चला कि नाबालिग गर्भ से थी।
इटारसी। सरकारी अस्पताल में शनिवार की शाम जन्मे एक बच्चे को दुलार देने के लिए उसकी मां के अलावा उसका अपना कोई नहीं हैं। बच्चे का पिता बैतूल जेल में हैं वह भी नाबालिग ही है। नानी है नहीं और नाना शराबी है जिसे न तो अपनी पुत्री की परवाह है और न उससे जन्मे उसके नाती की। दादी इसे अपनाना नहीं चाहती क्योंकि वह समर्थ नहीं है।
ऐसे में इस बच्चे के जन्म पर बालिका गृह के संचालक मनीष ठाकुर ही थे जो खुशियां मना रहे थे क्योंकि उन्होंने पूरे समय इस नाबालिग का अपनी पुत्री की तरह ध्यान रखा था।
बालिका गृह में पिछले सात माह से रह रही एक नाबालिग ने शनिवार की शाम 6.30 बजे पुत्र को जन्म दिया है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सकों की टीम ने पूरी सर्तकता के साथ नाबालिग की प्रसूति कराई और प्रसूति के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
यह है कहानी ………..
जीवोदय संस्था के कार्यकर्ताओं को करीब 7 महीने पहले यह नाबालिग कही घूमते हुए मिली थी। जीवोदय द्वारा नाबालिग को बाल कल्याण बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया गया। बोर्ड ने नाबालिग को बालिका गृह में रखने के निर्देश दिए। जब नाबालिग बालिका गृह पहुंची तो नियमानुसार इसका मेडिकल चेकअप कराया गया तब पता चला कि नाबालिग गर्भ से थी। नाबालिग चाहती थी कि उसका गर्भपात करा दिया जाए इसे देखते हुए बालिका गृह संचालक द्वारा बाल कल्याण बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर गर्भपात की स्वीकृति मांगी लेकिन सीडब्ल्यूसी इस मामले में कोई निर्णय नहीं कर पाया और इस बीच गर्भपात का समय निकल गया। नाबालिग की प्रसूति को लेकर कलेक्टर संकेत भोंडवे ने स्पेशल आदेश देकर ध्यान रखने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के पालन में एसडीएम आरएस पटले बच्चे के जन्म होने तक अस्पताल में ही मौजूद रहे। इधर अस्पताल के पूरे चिकित्सक भी उपस्थित रहे।
माता-पिता दोनों है नाबालिग
बच्चे जन्म देने वाली मां के साथ उसका पिता भी नाबालिग है। शहर के एक ही मोहल्ले में रहने वाले दोनों नाबालिगों के बीच प्रेम संबंध स्थापित हुए थे इसके बाद यह स्थिति बनी थी। हालांकि जब मामला उजागर हुआ तो किशोर के परिवार वाले उनका विवाह कराने को तैयार थे लेकिन नाबालिग होने के कारण यह नहीं हो पाया और इसके कारण यह स्थिति बन गई।
नहीं दे रहा था कोई सहमति
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. एके शिवानी ने बताया नाबालिग का इलाज अस्पताल में चल रहा था, डिलीवरी का समय आया तो कोई सहमति नहीं दे रहा था क्योंकि नाबालिग का मामला था। भोपाल रैफर किया लेकिन वापस भेज दिया । नौ माह पूरे होने के बाद दसवां महीना लगने पर बालिका गृह के संचालक की सहमति मिलने के बाद डिलीवरी हो सकी।
इनका कहना……..
दोनो स्वस्थ है
&नाबालिग होने के कारण मामला गंभीर था। महिला चिकित्सकों की टीम ने प्रसूति कराई है। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
आरएस पटले,एसडीएम
7 माह से रह रही थी
नाबालिग पिछले सात माह से बालिका गृह में रह रही थी। शनिवार को नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया है।
मनीष ठाकुर, संचालक बालिका गृह
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