Read this also: तबलीगी जमात व अजमेर से लौटे दो लोग कोरोना संदिग्ध, पूरा परिवार आईसोलेशन में पिपरिया अस्पताल (Pipariya Hospital) के बीएमओ (BMO) डाॅ.एके अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में सात बच्चों ने नवरात्रि के अष्ठमी के दिन जन्म लिया। प्रसव के लिए प्रसूता पहले से ही अस्पताल में भर्ती कराई गई थीं। किसी प्रकार का संक्रमण इनके वार्ड में न हो इसलिए पूरे अस्पताल को पहले से ही सैनिटाइज (sanitize) कराया गया था। एक तय अंतराल के बाद लगातार वार्ड व आसपास सैनिटाइज कराया जा रहा है। आने-जाने वालों पर भी विशेष निगरानी के साथ साथ उनको सैनिटाइज कराया जा रहा है। महिला वार्ड में आने वाली नर्स, डाॅक्टर या किसी भी अन्य चिकित्सीय सहायक को भी बिना सैनिटाइज किए आने जाने पर मनाही की गई है।
बीएमओ के मुताबिक प्रसव के दौरान भी किसी प्रकार का संक्रमण न हो इसलिए हर संभव उपाय किए गए हैं।
Read this also: मध्यप्रदेश के इन अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं, दो डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल बच्चों को जन्म देने वाली मां रानी, ज्योति, प्रीति बताती हैं कि डाॅक्टर ही नहीं वह लोग भी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए बताए गए सारे जरूरी उपायों का अक्षरशः पालन कर रही हैं। बच्चों के साथ वह लोग अभी अस्पताल में ही हैं। बच्चों को छूने के पहले भी वह लोग सैनिटाइज हो रहे। वे कहती हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा के आशीर्वाद स्वरुप उनके आंगन में किलकारियां गूंजी हैं।
उधर, मां शबाना भी अपनी गोद में बेटी को पाकर बेहद खुश है। बिटिया को सुरक्षित रखने के लिए वह विशेष ध्यान दे रही है। बेटी के जन्म को वह अल्लाह की रहमत बता रहीं। वह कहती हैं कि इस मुश्किल वक्त में उपरवाले ने बेशुमार खुशियों से उनकी गोद को भर दिया है।
बीएमओ डाॅ.एके अग्रवाल बताते हैं कि अभी कुछ दिनों तक इन बच्चों को चिकित्सीय निगरानी में ही रखा जाएगा ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न हो।
By: Shakeel Niyazi