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होशंगाबाद

जबलपुर जोन का एक मात्र डीजल शेड, होता है ऐसा काम, जो कहीं नहीं होता

जबलपुर जोन का पहला शेड जहां हो रहा कॉमन मेंटनेंस

होशंगाबादOct 05, 2018 / 05:50 pm

sandeep nayak

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Railway track set by Google map

इटारसी। पश्चिम मध्य रेल जबलपुर जोन के डीजल शेड को पहले ऐसे शेड का दर्ज मिल गया है जहां डीजल इंजन के साथ विद्युत इंजनों का भी मेंटनेंस किया जा रहा है। फिलहाल रेलवे ने जबलपुर जोन में मात्र इटारसी डीजल शेड को ही प्रायोगिक तौर पर इलेक्ट्रिक इंजनों के मेंटनेंस का काम सौंपा है। वर्तमान में डीजल शेड में 204 लोको हैं। इनमें से 173 इंजन डीजल के और 31 इंजन इलेक्ट्रिक के हैं। इलेक्ट्रिक इंजनों को भी डीजल शेड में मेंटनेंस के लिए भेजा जा रहा है। इस काम को भी कर्मचारी बखूबी कर रहे हैं। शेड में 10 इंजीनियरों और 20 तकनीशियनों को इसकी टे्रनिंग दी गई है। जबलपुर जोन का पहला शेड जहां हो रहा कॉमन मेंटनेंस
विद्युतीकरण से बढ़ा काम
इटारसी से जबलपुर लाइन के विद्युतीकरण के चलते यहां कॉमन मेंटनेंस का काम भी शुरू हो गया है।
इटारसी से इलाहाबाद तक के सेक्शन में विद्युतीकरण कार्य पर करीब ३५० करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उसमें से इटारसी से जबलपुर के बीच बिजली लाइन पर करीब १३५ करोड़ रुपए खर्च किया गया है। इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजनों के चलने से डीजल शेड में इंजनों की संख्या कम किए जाने की तैयारी है मगर बड़ा उपक्रम होने से रेलवे अभी तक उस पर अमल नहीं कर पाई है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के नेता घनश्याम दुगाया बताते हैं कि अभी डीजल शेड इकलौता शेड हैं जहां पर कॉमन मेंटनेंस हो रहा है। दोनों ही काम शेड सफलतापूर्वक कर रहा है।
एक नजर में डीजल शेड
संस्थान- डीजल लोको शेड
स्थापना-वर्ष 1964
कुल क्षेत्रफल-1.50 लाख वर्गमीटर
स्वीकृत पद-1294
लोको की संख्या-204

जबलपुर जोन में एकमात्र शेड
जबलपुर जोन में अभी एकमात्र शेड है जहां पर डीजल इंजनों के साथ ही इलेक्ट्रिक इंजनों का मेंटनेंस किया जा रहा है। वर्तमान में करीब ३१ इलेक्ट्रिक इंजन सुधारे जा रहे हैं।
अनुरागदत्त त्रिपाठी, सीनियर डीएमई डीजल शेड

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