आयुष्मान नामक योग सायं ६.२० तक, तदुपरान्त सौभाग्य नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।
•Feb 26, 2018 / 09:55 am•
सुनील शर्मा
एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि सायं ५.२९ तक, तदुपरान्त द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि है। एकादशी तिथि में वैसे यज्ञोपवीत, विवाहादि मांगलिक कार्य, देवकार्य, गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा, सवारी, अलंकार, व्रतोपवास आदि कार्य और द्वादशी में विवाहादि मांगलिक कार्यों सहित अलंकारादि कार्य शुभ कहे गए हैं। पर अभी होलाष्टक में मांगलिक कार्यादि शुभ नहीं माने गए हैं। नक्षत्र: आद्र्रा ‘तीक्ष्ण व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: ८.०३ तक, तदन्तर अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: ६ बजे तक पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, यात्रा, अलंकार, घर, व्रतादि, सवारी, कृषि व विद्यादि कार्य शुभ कहे गए हैं। योग: आयुष्मान नामक योग सायं ६.२० तक, तदुपरान्त सौभाग्य नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। विशिष्ट योग: रवियोग नामक दोष समूह नाशक शक्तिशाली शुभ योग प्रात: ८.०३ तक, कुमार योग प्रात: ८.०३ से सायं ५.२९ तक तथा सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग अंतरात्रि ६.०० से अगले दिन सूर्योदय तक है। करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नाम करण सायं ५.२९ तक, इसके बाद बवादि करण हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ८.२४ तक अमृत, प्रात: ९.४९ से पूर्वाह्न ११.१५ तक शुभ, दोपहर बाद २.०५ से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१७ से दोपहर १.०२ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ महूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: आज वधू प्रवेश, कर्णवेध व विद्यारम्भ के भद्रोत्तर पुनर्वसु नक्षत्र में तथा अक्षरारम्भ का आद्र्रा नक्षत्र में शुभ मुहूर्त है।
व्रतोत्सव: आज आमला एकादशी व्रत सबका, रंगभरी ग्यारस, मुख्य मेला श्याम बाबा खाटू (राज.) तथा वीर सावरकर पुण्य दिवस है। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि मिथुन राशि में है। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज चन्द्र स्थिति के अनुसार पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। राहुकाल: प्रात: ७.३० से ९.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
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