योग: ध्रुव नामक नैसर्गिक शुभ योग रात्रि २.३७ तक, इसके बाद व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। व्याघात नामक योग की प्रथम नौ घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग व रवियोग नामक दोष समूह नाशक शुभ योग दोपहर १२.४९ तक इसके बाद द्विपुष्कर नामक शुभाशुभ योग प्रारंभ हो जाएगा। करण: तैतिल नामकरण प्रात: ७.५८ तक, इसके बाद कौलवादि करण हैं।
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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ८.१६ से ९.३६ तक शुभ तथा दोपहर १२.१४ से सायं ४.१० तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५२ से १२.३५ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
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राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
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आज जन्म लेने वाले बच्चे का भाग्यः आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (खो, ग, गि, गु, गे) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि २.०१ तक जन्मे जातकों की जन्म राशि मकर व इसके बाद जन्मे जातकों की कुंभ राशि है। इनका जन्म ताम्रपाद से हुआ है। सामान्यत: ये जातक स्थिर, अति सुंदर, धनी, देवपूजक, सदाचारी, दृढ़व्रती, उदार, काव्यप्रिय, धार्मिक, व्यसनी, लोभी, मान-सम्मान प्राप्त करने वाले होते हैं। इनके १५-२३ और २९वें वर्ष प्राय: शुभ नहीं है। मकर राशि वाले जातकों को अनावश्यक किसी विवाद के मामले से दूर रहना चाहिए। नहीं तो अपयश के दोषी हो सकते हैं।