लेकिन इस बार मकर संक्रांति पर दो दुर्लभ नक्षत्रों का संयोग इस महत्वपूर्ण घटना को और भी विशेष बना रहा है। दरअसल, इस बार माघ कृष्ण चतुर्थी को पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र के युग्म संयोग में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इससे इस पर्व की शुभता और बढ़ जाएगी। लोगों के जीवन में सकारात्मकता आएगी।
कब है मकर संक्रांति का क्षण (Makar Sankranti Time)
डॉ. व्यास के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी 2025 को सुबह 8:54 बजे अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में आ रहे हैं। इस तरह मकर संक्रांति का क्षण यही होगा। साथ ही इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण (देवताओं के दिन की शुरुआत होना) हो जाती है। इसलिए देश भर में अलग-अलग नामों से उत्सव मनाया जाता है। ये भी पढ़ेंः Ank Jyotish 2025: नए साल में बढ़ेगा मंगल का असर, कई बदलावों और साहसिक निर्णयों का साल बनेगा 2025, जानें सभी राशि पर प्रभाव
शुभ संयोग से बढ़ा मकर संक्रांति का महत्व
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार मकर संक्रांति 2025 पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इससे मकर संक्रांति पर दान, स्नान और जप करने का महत्व बढ़ गया है। मान्यता है इस दिन सूर्य की पूजा अर्चना का कई गुना अधिक और अक्षय फल मिलेगा। इसके अलावा मकर संक्रांति के बाद ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। इस वजह से ठंड का असर कम होना शुरू हो जाएगा और धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने लगेगी।इसके अलावा मकर संक्रांति के बाद नदियों में वाष्पन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे कई सारी शरीर के अंदर की बीमारियां दूर हो जाती हैं। इस मौसम में तिल और गुड़ खाना काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर को गर्म रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तारायण में सूर्य के ताप शीत को कम करता है।
सूर्य पूजा का अक्षय फल
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का सेवन खासतौर पर किया जाता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर की गई सूर्य पूजा अक्षय पुण्य के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। ये भी पढ़ेंः Makar Sankranti 2025: 19 साल बाद मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग, आसमान हो जाएगा लाल, खरीदारी दान-पुण्य से अक्षय लाभ
सूर्य को चढ़ाएं जल
मकर संक्रांति पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। नदी में स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। नदी किनारे ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज और तिल-गुड़ का दान करें। किसी गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। अभी ठंड का समय है तो जरूरतमंद लोगों को ऊनी वस्त्र या कंबल का दान जरूर करें।खिचड़ी के फायदे
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार मकर संक्रांति के दिन प्रसाद के रूप में खाए जाने वाली खिचड़ी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। खिचड़ी से पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलने लगती है। इसके अलावा आगर खिचड़ी मटर और अदरक मिलाकर बनाएं तो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है साथ ही बैक्टिरिया से भी लड़ने में मदद करती है। ये भी पढ़ेंः Makar Sankranti 2025 Daan: मकर संक्रांति पर राशि अनुसार क्या करें दान, यहां ज्योतिषी से जानिए सटीक जवाब
1.मकर संक्रांति के दिन गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति पर्व के दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी खाना शुभ होता है।
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व (Makar Sankranti Uttarayan Upay 2025)
1.मकर संक्रांति के दिन गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति पर्व के दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी खाना शुभ होता है। 2. देश के कुछ राज्यों में यह भी मान्यता है कि चावल, दाल और खिचड़ी का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करना भी शुभफलदायक माना जाता है।
3. महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह ने भी प्राण त्यागने के लिए इस समय अर्थात सूर्य के उत्तरायण होने तक प्रतीक्षा की थी। सूर्योदय के बाद खिचड़ी आदि बनाकर तिल के गुड़वाले लड्डू प्रथम सूर्यनारायण को अर्पित करना चाहिए बाद में दानादि करना चाहिए।
4. अपने नहाने के जल में तिल डालने चाहिए। ओम नमो भगवते सूर्याय नमः या ओम सूर्याय नमः का जाप करें। 5. माघ माहात्म्य का पाठ भी कल्याणकारी है। सूर्य उपासना कल्याण कारी होती है। इस दिन सूर्य को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए
Hindi News / Astrology and Spirituality / Horoscope / Makar Sankranti 2025 Nakshatra: मकर संक्रांति पर दो दुर्लभ नक्षत्र का संयोग, इस दिन जरूर करें ये 5 काम, मिलेगा अक्षय पुण्य फल