Arthritis आर्थराइटिस तकलीफ : घुटनों, कंधों, कोहनी व अंगुलियों के जोड़ों में ऊत्तकों का घिस जाना। यह करें : गर्म पानी से सेंक करने पर जोड़ों व मांसपेशियों की अकडऩ दूर होती है।
Gout flare up गाउट फ्लेयर अप तकलीफ : बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा बढऩे से पैर के अंगूठे, कोहनी व एडी में अचानक दर्द उठना। यह करें : बर्फ से सेंक करने पर अचानक उठे दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
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Headache सिर दर्द तकलीफ : तंत्रिकाओं व रक्त वाहिकाओं से सिर दर्द या मांसपेशियों में खिंचाव से गले में दर्द। यह करें : बर्फ से सेंक करने से सिरदर्द में राहत मिलती है और गर्म पानी के सेंक से गले के दर्द में आराम। Spraining मोच आना तकलीफ : मांसपेशियों के खिंचने से शरीर के किसी भी भाग में खून इकट्ठा होने की स्थिति या लील पड़ जाना। यह करें : चोट पर बर्फ का सेंक करने से जलन दूर होती है और गर्म पानी से सेंक करने पर जकडऩ खत्म होती है।
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Stretch खिंचाव आना तकलीफ : एड़ी, घुटने, पांव, कोहनी आदि के जोड़ों मे लिगामेंट के फट जाने पर खिंचाव आ जाने से दर्द होना। यह करें : शुरू में ठंडे सेंक से दर्द के कारण हो रही जलन दूर होती है, बाद में गर्म सेंक करने पर मांसपेशियों की अकडऩ।
Tendinitis टेन्डीनिटिस तकलीफ : पैरों व हाथों की अंगुलियों के छोटे जोड़ों में स्थित नसों (टेंडन्स) की झिल्ली में सूजन आ जाने से दर्द होना। यह करें : इस स्थिति में ठंडा सेंक करने से बर्फ पहले जलन कम होती है और बाद में दर्द से भी राहत मिलती है।
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Healthy food plate : स्वस्थ भोजन की थाली : अपनी थाली में जरूर शामिल करे इन चीजों कोTendinosis टेन्डिनोसिस तकलीफ : घर्षण के कारण एडी के पास टखने के जोड़ों की पेशियों में दर्द व अकडऩ। यह करें : जब जलन खत्म हो जाए तो गर्म सेंक करना चाहिए जिससे अकडऩ दूर होती है।
Why cold compress? ठंडा सेंक क्योंं?
बर्फ हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देती है। जिससे हमें दर्द व जलन से हमें छुटकारा मिलने के साथ ही चोट ठीक हो जाती है। Why hot compress? गर्म सेंक क्यों?
गर्मी से नसों में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है जिससे अकड़ी हुई मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं और दर्द में आराम मिलता है।
सावधानी
गंभीर चोटों में गर्म सेंक न लें। यह चोट में हो रही जलन को और बढ़ा सकता है। ऐसे में उस चोट को ठीक होने में ज्यादा समय भी लग सकता है
चोट के 6-7 घंटे बाद ठंडे सेंक से बचें गर्म पानी का सेंक बहुत अधिक सर्दी के मौसम में करना फायदेमंद होता है। गर्मी के मौसम में गर्म सेंक नहीं करना चाहिए। सर्दी के मौसम में जोड़ों पर स्थित नसें सिकुडऩे लगती हैं। ऐसे में गर्म पानी के सेंक से दर्द पैदा करने वाले ऊत्तक और नसें खुल जाती हैं। ठंडा सेंक केवल ताजा चोट के समय ही करना चाहिए। यदि चोट लगे 6-7 घंटे हो चुके हैं तो ठंडे सेंक से बचना चाहिए। लील पडऩे से रोकने व जोड़ों में खून को इकट्ठा होने से रोकने के लिए ठंडा सेंक किया जाता है।
– डॉ. सत्येन्द्र शर्मा, ऑर्थोपेडिक सर्जन
गंभीर चोटों में गर्म सेंक न लें। यह चोट में हो रही जलन को और बढ़ा सकता है। ऐसे में उस चोट को ठीक होने में ज्यादा समय भी लग सकता है
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– डॉ. सत्येन्द्र शर्मा, ऑर्थोपेडिक सर्जन