डायबिटीज में ब्लड शुगर को मेंटेन रखना मुश्किल नहीं होगा अगर आप लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स को डाइट में शामिल करें। यहां जिस फूल के बारे में आपको बताने जा रहे वह भी डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण दवा की तरह काम करता है।
यह भी पढ़ें
कृति सेनन ब्यूटी गाइड: अगर आप भी चाहते हैं कृति सेनन जैसी चमकती स्किन तो अपनाएं ये 6 ब्यूटी टिप्स
Flower is of banana : ये फूल है केले का। जी हां, केले के फूल में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। हाई फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरा ये फूल डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान है। यही नहीं, अगर डायबिटीज रोगी कच्चे केले की सब्जी भी खाएं तो भी उनके लिए ये बहुत ही फायदेमंद होगी। यदि आप टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) के मरीज हैं तो आपको केले के फूल का रोज सेवन करना चाहिए। बैंगनी रंग के इस फूल की सब्जी बनाई जाती है और ये ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है।
केले के फूलों में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और प्रोटीन शामिल हैं। 100 ग्राम केले के फूल में बहुत कम कैलोरी होती है। इसमें करीब 23 कैलोरी, 4 ग्राम कार्ब्स,1.5 ग्राम प्रोटीन होता है। साथ ही पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और कॉपर भी खूब होता है।
यह भी पढ़ें
Cancer causing drinks: इन 10 तरह के कैंसर की जड़ हैं ये 5 ड्रिंक्स, कहीं आप भी तो नहीं पी रहे
Banana Flower Nutrients केले के फूल के पोषक तत्वकेले के फूलों में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और प्रोटीन शामिल हैं। 100 ग्राम केले के फूल में बहुत कम कैलोरी होती है। इसमें करीब 23 कैलोरी, 4 ग्राम कार्ब्स,1.5 ग्राम प्रोटीन होता है। साथ ही पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और कॉपर भी खूब होता है।
Always take foods with fiber to control blood sugar ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए हमेशा फाइबर वाली चीजें लें
इनमें कैलोरी की मात्र कम होती है जबकि फाइबर की मात्रा अधिक होती है। घुलनशील फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल कम करने जबकि अघुलनशील फाइबर कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है।
इनमें कैलोरी की मात्र कम होती है जबकि फाइबर की मात्रा अधिक होती है। घुलनशील फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल कम करने जबकि अघुलनशील फाइबर कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है।
केले की तुलना में नैचुरल शुगर भी कम
केले के फूल सभी आवश्यक अमीनो एसिड से भरे होते हैं। इसमें नैचुरल शुगर कम होती है, जिस वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प है।
Effective in reducing cholesterol कोलेस्ट्रॉल कम करने में कारगर
केले के फूल में ऐसे कई यौगिक होते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। केले के फूल में पाए जाने वाले ‘क्वेरसेटिन’ और ‘कैटेचिन’ जैसे एंटीऑक्सिडेंट ब्लड में कोलेस्ट्रॉल बनने से रोकते हैं। साथ ही ये खाई चीजों को तुरंत शुगर में तब्दील नहीं होने देते। ये एंटीऑक्सिडेंट कार्ब्स को अवशोषित करने वाले एंजाइम को अवरुद्ध करके काम कर सकते हैं।
केले के फूल सभी आवश्यक अमीनो एसिड से भरे होते हैं। इसमें नैचुरल शुगर कम होती है, जिस वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प है।
यह भी पढ़ें
3 Vitamins For Tiredness: अगर शरीर में थकान और कमजोरी रहती है? तो शरीर में हो इन 3 विटामिन्स की हो रही है कमी
Effective in reducing cholesterol कोलेस्ट्रॉल कम करने में कारगर
केले के फूल में ऐसे कई यौगिक होते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। केले के फूल में पाए जाने वाले ‘क्वेरसेटिन’ और ‘कैटेचिन’ जैसे एंटीऑक्सिडेंट ब्लड में कोलेस्ट्रॉल बनने से रोकते हैं। साथ ही ये खाई चीजों को तुरंत शुगर में तब्दील नहीं होने देते। ये एंटीऑक्सिडेंट कार्ब्स को अवशोषित करने वाले एंजाइम को अवरुद्ध करके काम कर सकते हैं।
Makes the intestines healthy and strong आंतों को बनाता है स्वस्थ और मजबूत
घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर केले का फूल पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि फाइबर का सेवन आंत माइक्रोबायोम में सुधार कर सकता है जिससे पेट के कैंसर का जोखिम कम हो सकता है। फाइबर पेट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने में मदद करने के लिए एक प्रीबायोटिक के रूप में भी काम करता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर केले का फूल पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि फाइबर का सेवन आंत माइक्रोबायोम में सुधार कर सकता है जिससे पेट के कैंसर का जोखिम कम हो सकता है। फाइबर पेट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने में मदद करने के लिए एक प्रीबायोटिक के रूप में भी काम करता है।
यह भी पढ़ें
Dangerous Worms In Brain: पत्तागोभी के अलावा इन 5 सब्जियों को खाने से दिमाग में पहुंच सकता है कीड़ा, जानिए बीमारी के लक्षण
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।