मुख्य विशेषताएं
शहद में शर्करा कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन-सी, लौह, मैग्नीशियम, कैल्सियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, वसा, पौष्टिक, हृदय में शक्ति देने वाली है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाला है। अवसाद, चिन्ता, टेंशन को दूर कर नर्व सिस्टम को मजबूत करता है एवं शरीर में शक्ति का संचार करता है।
ऐसे करें उपयोग – सोने से पूर्व पानी में आधा चम्मच शहद मिलाकर चाटने से गहरी नींद आती है, बुरे सपने नहीं आते हैं। निद्रा नाशक में शहद प्रभावी तरीके से काम करती है।
– शहद में नींबू का रस मिलाकर लगाने से चर्मरोग ठीक होते हैं एवं कांति युक्त और नर्म होती है।
– शहद में कैल्शियम अधिक होने से बालक, वृद्ध व महिलाओं में पाए जाने वाले अस्थि (हड्डी) रोग ठीक होते हैं।
– एक चम्मच शहद दोनों समय लेने से एनर्जी बढ़ती है।
– दो चम्मच शहद को भैंस के गुनगुने दूध में मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है।
– शहद को नियमित सेवन करने से हीमोग्लोबिन की वृद्धि होती हैं एवं रक्त की कमी दूर होती है। यह मेधा शक्ति बढ़ाने का काम भी करता है।
– शहद की दस बूंदे चेहरे पर हाथों से लगाने पर व थोड़ी देर बाद धोने से चेहरे का रूखापन दूर होता है व चेहरा चमकने लगता है।
शहद में शर्करा कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन-सी, लौह, मैग्नीशियम, कैल्सियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, वसा, पौष्टिक, हृदय में शक्ति देने वाली है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाला है। अवसाद, चिन्ता, टेंशन को दूर कर नर्व सिस्टम को मजबूत करता है एवं शरीर में शक्ति का संचार करता है।
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– शहद में नींबू का रस मिलाकर लगाने से चर्मरोग ठीक होते हैं एवं कांति युक्त और नर्म होती है।
– शहद में कैल्शियम अधिक होने से बालक, वृद्ध व महिलाओं में पाए जाने वाले अस्थि (हड्डी) रोग ठीक होते हैं।
– एक चम्मच शहद दोनों समय लेने से एनर्जी बढ़ती है।
– दो चम्मच शहद को भैंस के गुनगुने दूध में मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है।
– शहद को नियमित सेवन करने से हीमोग्लोबिन की वृद्धि होती हैं एवं रक्त की कमी दूर होती है। यह मेधा शक्ति बढ़ाने का काम भी करता है।
– शहद की दस बूंदे चेहरे पर हाथों से लगाने पर व थोड़ी देर बाद धोने से चेहरे का रूखापन दूर होता है व चेहरा चमकने लगता है।
ऐसे न लें – जरूरत से ज्यादा शहद खाने से उल्टी, जी मचलना, घबराहट पैदा होना, दस्त लगना आदि लक्षण हो सकते हैं।
– समान मात्रा में शहद-घी न लें। आयुर्वेद में इसे विषाक्त माना गया है।
– अधिक गर्म पानी में शहद मिलाकर पीने से काफी नुकसान करता है।
ऐसे करें असली की पहचान – एक कांच के गिलास में गर्म पानी भर दें। फिर उसमें एक चम्मच शहद डालें, अगर शहद पानी की तली में बैठ जाता है तो यह असली है। लेकिन अगर पानी में घुल जाता है तो यह मिलावटी है।
– रुई की बत्ती कर उसे शहद में भिगोकर माचिस से जलाएं। अगर बत्ती जलने लगे तो असली है अन्यथा मिलावटी है।
– शहद की एक बूंद अंगूठे और अंगुली के बीच रखें। इससे तार बनाने का प्रयास करे। अगर शहद शुद्ध होगा तो इससे मोटी तार बनेगी, साथ ही शुद्ध शहद अंगूठे पर ही जमा रहेगा। जबकि मिलावटी शहद फैल जाएगा।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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– शहद की एक बूंद अंगूठे और अंगुली के बीच रखें। इससे तार बनाने का प्रयास करे। अगर शहद शुद्ध होगा तो इससे मोटी तार बनेगी, साथ ही शुद्ध शहद अंगूठे पर ही जमा रहेगा। जबकि मिलावटी शहद फैल जाएगा।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।