कारण: दांतों और मसूड़ों पर गंदगी जमा होने से सूजन आ जाती है इससे मरीज के मसूड़ों को थोड़ा सा छूने या ब्रश करने पर खून आने लगता है। कई बार तो लोग इस चक्कर में ब्रश करना ही छोड़ देते हैं।
होम्योपैथिक औषधियां : इस पद्धति में इलाज के लिए मेर्कसोल, क्रेओसोतुम, प्लातांगो, चिनोपोडियम,फ्रिगारिया, कैल्कारे-फ्लोर, कोफिया-क्रुदा, एसिड-फ्लोर, हेक्ला लावा, रातान्हिया, कोफिया टोस्ता आदि का प्रयोग किया जाता है।
(दवाओं का प्रयोग डॉक्टरी सलाह से करें)
घरेलू उपाय मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर कुल्ला करें
नीम की दातुन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं
दांतदर्द में तिल को पानी में चार घंटे भिगो दें फिर छानकर उसी पानी को मुंह में भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। 4-5 बार ऐसा करें। इससे मुंह के घाव, दांतों में सडऩ, संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।
नीम के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से मसूड़ों से गंध नहीं आती।
डॉ. अंकित जैन, होम्योपैथी विशेषज्ञ
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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(दवाओं का प्रयोग डॉक्टरी सलाह से करें)
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दांतदर्द में तिल को पानी में चार घंटे भिगो दें फिर छानकर उसी पानी को मुंह में भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। 4-5 बार ऐसा करें। इससे मुंह के घाव, दांतों में सडऩ, संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।
नीम के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से मसूड़ों से गंध नहीं आती।
डॉ. अंकित जैन, होम्योपैथी विशेषज्ञ
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