1. चुकंदर
खून में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट और हेमोस्टैटिक गुणों से युक्त चुकंदर बहुत लाभदायक होता है। इसके लिए आप एक गिलास गाजर के रस में दो-तीन चम्मच चुकंदर का रस मिलाकर पिएंगे तो ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं। इसके अलावा चुकंदर में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ाते हैं।
2. अनार
एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अनार के दानों का सेवन नाश्ते में या सलाद की तरह कर सकते हैं। या फिर आप अनार के दानों का जूस पी सकते हैं। परंतु इस बात का ध्यान रखें कि आप जूस का सेवन निकालने के आधे घंटे के अंदर ही कर लें। अनार प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के अलावा कई बीमारियों से लड़ने में भी सहायक है। विशेषज्ञों की मानें तो, अनार प्लेटलेट्स को एक जगह इकट्ठा नहीं होने देता। जिससे हमारे खून में प्लेटलेट्स काउंट में आने वाली कमी दूर हो जाती है। क्योंकि प्लेटलेट्स एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं, तो प्लेटलेट काउंट कम होने के साथ और खून के थक्के बन जाते हैं।
3. व्हीटग्रास
व्हीटग्रास का उपयोग भी प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। क्योंकि इसमें मौजूद फोलिक एसिड, क्लोरोफिल, विटामिन और जिंक शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। इसके लिए आप व्हीटग्रास को धोकर महीन पीस लें और इस पेस्ट को निचोड़कर रस निकाल लें। आवश्यकतानुसार थोड़ा पानी मिला सकते हैं। और लगभग आधा कप जूस निकलने के बाद इसका सेवन कर लें। अगर आपको इसी पीने में परेशानी हो तो स्वाद के लिए जूस में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिला सकते हैं। इसका सेवन आप दिन में एक बार प्लेटलेट काउंट ठीक न होने तक कर सकते हैं।
4. गिलोय
ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए वंडर प्लांट के नाम से जाना जाने वाला गिलोय का जूस सर्वोत्तम उपाय है। गिलोय के सेवन से हमारी रोगों से लड़ने की क्षमता का भी विकास होता है। इसके लिए आप एक चम्मच शहद के साथ दो चुटकी गिलोय के सत्व को दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त गिलोय की डंडी को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को छानकर पी लें।
5. पालक
पालक से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए लगभग 5 पालक के पत्तों को दो कप पानी में डालकर कुछ मिनट के लिए उबाल लें। अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इसमें आधा गिलास टमाटर का रस मिला दें। दिन में तीन बार इस मिश्रण को पिएं। या फिर आप पालक का सेवन सलाद में, सब्जी बनाकर अथवा सूप और स्मूदी के रूप में भी कर सकते हैं।