संक्रमित मच्छर के काटने के करीब 3-7 दिनों के बाद चिकनगुनिया का असर शरीर पर नजर आता है। बुखार और जोड़ों में असहनीय दर्द इस बीमारी का प्रारंभिक लक्षण है। इसके बाद सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन या दाने जैसी समस्या शुरू हो जाती है। कई बार इस बीमारी के ठीक होने के महीनों बाद तक जोड़ों का दर्द रहता है। चिकनगुनिया में खतरा तब होता है जब प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं। तो चलिए आज आपको चिकनगुनिया से बचावके कुछ कारगर घरेलू नुस्खे बताएं।
चिकनगुनिया होने पर क्या करें-what to do if you have Chikungunya- चिकनगुनिया से बचने के कारगर घरेलू उपाय-What to do to prevent Chikungunya एप्सम सॉल्ट और गर्म पानी से नहाएं
एप्सम सॉल्ट में मैग्नीशियम सल्फेट क्रिस्टल होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करता है। इसके अलावा गर्म पानी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। इसलिए अपने नहाने के पानी में थोड़े से एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल करें।
एप्सम सॉल्ट में मैग्नीशियम सल्फेट क्रिस्टल होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करता है। इसके अलावा गर्म पानी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। इसलिए अपने नहाने के पानी में थोड़े से एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल करें।
हल्दी है प्रभावी
चिकनगुनिया वायरस को कम करने में हल्दी प्रभावी है। दर्द को कम करने में ये मददगार होती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन उच्च एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होता है और ये दर्द को कम करने में सहायक है। हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होगा।
चिकनगुनिया वायरस को कम करने में हल्दी प्रभावी है। दर्द को कम करने में ये मददगार होती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन उच्च एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होता है और ये दर्द को कम करने में सहायक है। हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होगा।
नारियल पानी
नारियल पानी का लिवर पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है। इलेक्ट्रोलाइ्टस से भरे इस पानी को पीने से वायरस का संक्रमण शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। रोज़ सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करें।
नारियल पानी का लिवर पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है। इलेक्ट्रोलाइ्टस से भरे इस पानी को पीने से वायरस का संक्रमण शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। रोज़ सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करें।
तुलसी के पत्ते
तुलसी शरीर एंटी-ऑक्सीडेंट से भरी होती है और ये शरीर के तापमान को भी कम करती है। इम्युनिटी को बढ़ाती है जिससे प्लेटलेट्स कम नहीं होने पाते। तुलसी के पत्तों को दिन में एक या दो बार चबा सकती हैं या तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर पी सकते हैं।
तुलसी शरीर एंटी-ऑक्सीडेंट से भरी होती है और ये शरीर के तापमान को भी कम करती है। इम्युनिटी को बढ़ाती है जिससे प्लेटलेट्स कम नहीं होने पाते। तुलसी के पत्तों को दिन में एक या दो बार चबा सकती हैं या तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर पी सकते हैं।
गिलोय और पपीते के पत्ते
गिलोय और पपीते के पत्ते का रस डेगू से लेकर चिकनगुनिया तक में रामबाण माना जाता है। इसे रस का सेवन जितना हो सके करना चाहिए क्योंकि इससे प्लेटलेट्स बढ़ते हैं।
गिलोय और पपीते के पत्ते का रस डेगू से लेकर चिकनगुनिया तक में रामबाण माना जाता है। इसे रस का सेवन जितना हो सके करना चाहिए क्योंकि इससे प्लेटलेट्स बढ़ते हैं।
चिकनगुनिया के मच्छर से बचाव के लिए क्या करें चिकनगुनिया वायरस का कोई टीका नहीं है। इसलिए मच्छरों से बचना ही एक उपाय है। मस्कीटो रिपेलेंट या नेट का यूज करें, ताकि मच्छर न काट सकें।
सनस्क्रीन लगाते हैं तो सनस्क्रीन लगाने के बाद स्किन पर मस्कीटो रिपेलेंट क्रीम लगाएं। लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें, और अपने हाथ पैरों को ढककर रखें। घर के बाहर या अंदर पानी न भरने दें, इसे तुरंत साफ करें।
ये उपाय आपको चिकनगुनिया के खतरे से बचा सकते हैं। बस सावधानी बरता नहीं इस बीमारी से बचाव का इलाज है। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।