हृदय रोगों में अर्जुन की छाल के कपड़छन चूर्ण का प्रभाव इन्जेक्शन से भी अधिक होता है। जीभ पर रखकर चूसते ही रोग कम होने लगता है। इसे सारबिट्रेट गोली के स्थान पर प्रयोग करने पर उतना ही लाभकारी पाया गया। हृदय की धड़कन बढ़ जाने पर, नाड़ी की गति बहुत कमजोर हो जाने पर इसको रोगी की जीभ पर रखने मात्र से नाड़ी में तुंत शक्ति प्रतीत होने लगती है।
यह भी पढ़ें
Periods after menopause : मेनोपॉज के बाद पीरियड्स, हल्के में न लें, जानिए कारण और इलाज
1.हृदय को स्वस्थ रखे अर्जुन की छाल Arjun’s bark keeps the heart healthy हृदय की सामान्य धड़कन जब 72 से बढ़कर 150 से ऊपर रहने लगे तो एक गिलास टमाटर के रस में 1 चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण मिलाकर नियमित सेवन करने से शीघ्र ही लाभ होता है। 2. अर्जुन छाल के 1 चम्मच महीन चूर्ण को मलाई रहित 1 कप दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करते रहने से हृदय के समस्त रोगों में लाभ मिलता है, हृदय को बल मिलता है और कमजोरी दूर होती है। इससे हृदय की बढ़ी (benefits of Arjuna bark) हुई धड़कन सामान्य होती है।
यह भी पढ़ें
Blood Donor Day: अब नहीं होगा ब्लड डोनेट का कोई साइड इफ़ेक्ट, जानिए ब्लड डोनेट से पहले क्या खाएं व पिएं
3. कान के दर्द में 3-4 बूँद अर्जुन के पत्ते का रस कान में डालने से कान का दर्द कम होता है। 4.पेट की गैस में
अर्जुन की छाल के फायदे (benefits of Arjuna bark) एसिडिटी से राहत दिलाने में भी बहुत मददगार होते हैं। अर्जुन की छाल के फायदे का पूरा लाभ उठाने के लिए अर्जुन की छाल का प्रयोग कैसे करें, ये जानना बहुत ज़रूरी है।
अर्जुन की छाल के 10 चमत्कारी फायदे निम्नलिखित हैं: हृदय स्वास्थ्य में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने, और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
मधुमेह के प्रबंधन में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण मधुमेह के प्रबंधन में मदद करते हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और इंसुलिन की प्रतिक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है।
कैंसर से बचाव: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। यह कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है, जो कैंसर का एक प्रमुख कारण है।
रक्तचाप को कम करने में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-हाइपरटेंसिव गुण रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। यह धमनियों को चौड़ा करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-हाइपरलिपिडमिक गुण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने में मदद करता है।
आर्थराइटिस में राहत: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
पाचन में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं। यह सूजन को कम करने और पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। यह मुँहासे, झुर्रियों, और अन्य त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
बालों के स्वास्थ्य में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। यह बालों के झड़ने को रोकने और बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
अर्जुन की छाल को विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जा सकता है, जिसमें काढ़ा, चूर्ण, या टैबलेट के रूप में शामिल है। अर्जुन की छाल का सेवन करने से पहले किसी योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
मधुमेह के प्रबंधन में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण मधुमेह के प्रबंधन में मदद करते हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और इंसुलिन की प्रतिक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है।
कैंसर से बचाव: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। यह कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है, जो कैंसर का एक प्रमुख कारण है।
रक्तचाप को कम करने में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-हाइपरटेंसिव गुण रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। यह धमनियों को चौड़ा करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-हाइपरलिपिडमिक गुण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने में मदद करता है।
आर्थराइटिस में राहत: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
पाचन में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं। यह सूजन को कम करने और पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। यह मुँहासे, झुर्रियों, और अन्य त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
बालों के स्वास्थ्य में सुधार: अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। यह बालों के झड़ने को रोकने और बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
अर्जुन की छाल को विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जा सकता है, जिसमें काढ़ा, चूर्ण, या टैबलेट के रूप में शामिल है। अर्जुन की छाल का सेवन करने से पहले किसी योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
यहां अर्जुन की छाल का उपयोग करने के कुछ तरीके दिए गए हैं: काढ़ा: अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है। यह काढ़ा दिन में दो बार लिया जा सकता है।
चूर्ण: अर्जुन की छाल को पीसकर चूर्ण बनाया जा सकता है। यह चूर्ण पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
टैबलेट: अर्जुन की छाल को टैबलेट के रूप में भी उपलब्ध कराया जाता है। इन टैबलेट को डॉक्टर के निर्देशानुसार लिया जाना चाहिए।
चूर्ण: अर्जुन की छाल को पीसकर चूर्ण बनाया जा सकता है। यह चूर्ण पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
टैबलेट: अर्जुन की छाल को टैबलेट के रूप में भी उपलब्ध कराया जाता है। इन टैबलेट को डॉक्टर के निर्देशानुसार लिया जाना चाहिए।