Gram and soybean चना व सोयाबीन – गेहूं को चना और सोयाबीन के साथ मिलाकर पिसवाएं। इसे मिस्सी रोटी का आटा भी कहते हैं। यह संयोजन कई तरह की कमियों को दूर कर देगा। गेहूं की एलर्जी से बचने के लिए भी यह उत्तम उपाय है।
Ragi and Jowar रागी व ज्वार – इन्हें सर्दियों के समय गेहूं में मिलाकर खाएं। इससे प्यास अधिक लगती है और सर्दियों में खूब पानी पीएंगे तो कब्ज की समस्या भी नहीं रहेगी। उसके अलावा गर्मियों में आप जौ को गेहूं के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
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Bran is also necessary चोकर भी जरूरी
गेहूं का आटा पिसवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आटा अधिक बारीक न हो। अनाज मोटा पिसवाएं ताकि उसमें अच्छी मात्रा में चोकर हो। चोकर से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है। यह मेटाबॉलिज्म बेहतर रखता है।
ऐसे लक्षण दिखाई दें तो हो सकती है फैटी लिवर कि समस्या
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
गेहूं का आटा पिसवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आटा अधिक बारीक न हो। अनाज मोटा पिसवाएं ताकि उसमें अच्छी मात्रा में चोकर हो। चोकर से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है। यह मेटाबॉलिज्म बेहतर रखता है।
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